रांची : झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ द्वारा अपने मांगो को लेकर आज काला बिल्ला लगाकर राज्यव्यापी विरोध दर्ज कराया जाना है।
जिसके आलोक में रांची जिला संघ के समस्त सदस्य भी काला बिल्ला लगाकर अपने विभागीय कार्य का निष्पादन करेगें। संघ 2020 से झारखंड राज्य अवर वन क्षेत्रकर्मी संवर्ग नियमावली-2014 में पदोन्नति को बाधित करने और अन्य अलाभकारी परिवर्तन को लेकर पिछले 3 वर्षों से कई बार पत्राचार तथा शिष्टमंडलीय वार्ता के माध्यम से विभाग व सरकार का ध्यान आकृष्ट कराई है।
विभाग द्वारा नियमावली में अहितकारी संशोधन करके वनपाल के 50℅ पदों पर सीधी नियुक्ति हेतु नियमावली बनायी जा रही है। इसके विरोध स्वरूप चरणबद्ध राज्यव्यापी आंदोलन के पहले चरण में विभागीय पदाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया, दूसरे चरण में पदाधिकारियों से शिष्टमंडलीय वार्ता कर संघ का पक्ष रखा गया परंतु विभाग व सरकार के स्तर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होने की स्थिति में झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के आह्वान पर रांची जिला के सभी वनरक्षियों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध दर्ज करवाते हुए कार्य किया।
जो अगले एक सप्ताह तक जारी रहेगा। विदित हो कि वर्ष 2014 के वनरक्षी नियुक्ति नियमावली में स्पष्ट प्रावधान है कि वनपाल के शत् प्रतिशत पदों को वनरक्षियों के पदोन्नति से भरा जायेगा। लेकिन इसके विपरीत वनपाल के पदों पर सीधी नियुक्ति हेतु नियमावली बनाया जा रहा है।
उपस्थित सभी वनरक्षियों ने विभाग को आगाह किया कि सीधी नियुक्ति का प्रयास न करके वर्तमान में कार्यरत वनरक्षियों को अविलंब पदोन्नत करके वनपाल के पदों को भरा जाय। अन्यथा सभी वनरक्षी विभाग के इस निर्णय के विरुद्ध राज्यव्यापी उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
इसके साथ ही यात्रा भत्ता, राशन मनी और पुलिस कर्मियों के तर्ज पर 13 महीने का वेतन नहीं मिलने पर निराशा व्यक्त किया। आज के इस कार्यक्रम में झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ, रांची के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार महतो , जिला मंत्री शकील अहमद सहित जिले के सभी वनरक्षी शामिल थे।
इस कार्यक्रम के माध्यम से झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के द्वारा वर्तमान में जारी जनसेवकों के आंदोलन को समर्थन दिया और सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ स्पष्ट कहना चाहती है कि यदि नियुक्ति नियमावली में इसी प्रकार से अहितकारी संशोधन होता रहा, तो उस परिस्थिति में समस्त कर्मचारी संगठनों द्वारा समेकित रूप में व्यापक आंदोलन किया जाएगा।