: लोग आपदा में एक दूसरे की करते हैं मदद, कुछ लोग गरीबों की जेब में डाका डालने में जुटे
गुमला से बसंत कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
गुमला। आपदा को अवसर में परिवर्तित कर लोग स्वरोजगार की जुगाड़ में जुटे हैं तो इस आपदा की बेला में लोग एक दूसरे के सहयोग के लिए हर कदम उठा रहे हैं। वहीं कई ऐसे लोग हैं जो आपदा में जमाखोरी, बेईमानी, दवाओं के अवैध कोरोबार जैसे कार्य में जुटे हुए हैं। आपदा के इस बेला में खाद्य सामग्री का भंडारण कर लोग उसे दुगनें दामों में बेच रहे हैं। वर्तमान समय में सरसों तेल की कीमत 165से 170 रूपये लीटर हो गया है जबकि रिफाईन का दाम 150 से 145 तक हो गई है। वहीं दालों की कीमत भी आसमान छूने लगी है। जिले के खाद्य सामग्री विके्रता सामानों का भंडारण कर उसे उंचे कीमत में बेच रहे हैं। ऐसे लोग आपदा में जमाखोरी कर अपने स्वार्थ साध रहे हैं। कहते हैं कि आपदा की बेला में लोग मानव सेवा से प्रेरित होकर कार्य करते हैं और अपनी गाड़ी कमाई भी आम लोगों की सेवा में लगा देते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस आपदा की बेला में लोगों की जेब में डाका डाल रहे हैं। सामानों के बढ़ते दाम से गरीब जनता परेशान हैं। कोरोना के इस बेला में जहां लोगों की जीविका में आफत आ गई है वहीं जमाखोरी केवल मुनाफे के हिसाब से काम कर रहे हैं।
आपदा के इस बेला में जमाखोरों पर कार्रवाई करे प्रशासन: रमेश कुमार
कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष रमेश कुमार चीनी ने कहा कि आपदा के इस बेला में लोगों को एक दूसरे के सहयोग के लिए कदम उठाने की जरूरती है लेकिन जिले में कुछ लोग जमाखोरी कर आपदा के इस बेला में गरीबों के जेब में डाका डाल रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि खाद्य सामग्री का अवैध भडारण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जनता को राहत पहुंचाये। उन्होंने कहा आपदा के इस बेला में हर कदम एक दूसरे को मदद करने के लिए उठानी चाहिए। लोग खाद्य सामग्री के साथ दवाओं की भी कालाबजारी करने में जुटे हैं। आॅक्सीजन जैसे जीवन रक्षक चीज की भी लोग कालाबाजारी कर रहे हैं।