सरायकेला से भाग्य सागर सिंह की रिपोर्ट
सरायकेला: जनजातीय क्षेत्रों में विदेशी व बाहरी संस्कृति के द्वारा अतिक्रमण पर रोक थाम को लेकर आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा की ओर से सरायकेला के नीलमोहनपुर में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया।
जिसके तहत पारंपरिक त्योहार, प्राचीन कला एवं संस्कृति,भाषा तथा परंपरा आदि के प्रति “हो” समाज के ग्रामीणों को जगाया गया।यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा द्वारा “हो” बहुलता क्षेत्रों में चल रहे सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम के उद्देश्यों से ग्रामीणों को अवगत कराया गया।
महासभा के वार्षिक अधिवेशन, दियुरी सम्मेलन, महाधिवेशन तथा अन्य कार्यक्रमों में लोगों को शामिल होने के लिए अपील किया गया। विभिन्न पारंपरिक त्योहारों के सभी अनुष्ठानों के संबंध में ग्रामीणों के साथ चर्चा किया गया। समाज के युवाओं को भाषा-संस्कृति से जागरूक करने की दिशा में हर वर्ष आदिवासी युवा महोत्सव के आयोजन की विशेषता पर प्रकाश डाला गया।
इसके अलावे “हो” भाषा की संवैधानिक मान्यता हेतु लगातार चल रहे आंदोलन में सामाजिक और आर्थिक सहयोग देने के लिए सहमति लिया गया। “हो” समाज की राष्ट्रीय मुद्दा के रूप में माँगे जा रहे भाषा की मान्यता के समर्थन में दोलाबु-दिल्ली के तहत जंतर-मंतर नई दिल्ली के आंदोलन को सफल बनाने का समर्थन मांगा गया।
इस अवसर पर आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इपिल सामड, महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, प्रदेश दियुरि सदस्य बबलु बिरूवा, पूर्व अनुमंडल अध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, कुंवर बानसिंह, सिकंदर बानसिंह, मंगल बानसिंह, निशा बानसिंह, प्रिया बानसिंह, मीनी बानसिंह, गीता बानसिंह, सीमा बानसिंह, रिशा बानसिंह, रिया बानसिंह एवं मानसु बानसिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे।