बाल विवाह उन्मूलन हेतु “उमंग” कार्यक्रम अंतर्गत मंचित किया गया नुक्कड़ नाटक
गोड्डा : आईसीआरडब्ल्यू और साथी संस्था के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को समाहरणालय परिसर में “उजाले की ओर बिटिया की दौड़ ” नाटक का मंचन उपायुक्त भोर सिंह यादव एवं अनुमंडल पदाधिकारी ऋतुराज की उपस्थिति में किया गया। मंचन के उपरांत उजाले की ओर बिटिया की दौड़ ” अपनी पढ़ाई पूरी करो, अपने सपने को साकार करो पोस्टर का विमोचन उपायुक्त भोर सिंह यादव, अनुमंडल पदाधिकारी ऋतुराज , आईसीआरडब्ल्यू के कार्यक्रम प्रमुख नसरीन जमाल, साथी के निदेशक डॉ नीरज कुमार, कालेश्वर मंडल, पारस वर्मा ने किया।
मौके पर बाल विवाह उन्मूलन हेतु “उमंग” कार्यक्रम अंतर्गत नुक्कड़ नाटक टोली के रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। उपायुक्त और अनुमंडल पदाधिकारी ने नाटक टीम को अपनी शुभकामनाएं दी और कहा कि यह टीम क्षेत्र में अच्छा संदेश दे।
अभियान में उपायुक्त और अनुमंडल पदाधिकारी ने हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत किया। मौके पर आईसीआरडब्लू के कार्यक्रम प्रमुख नसरीन जमाल ने बताया कि झारखण्ड में प्राथमिक और उच्च कक्षाओं में किशोरियों का विद्यालय छोड़ देना और विद्यालय तक पहुंच ना पाना बाल विवाह को बढ़ावा देने में मुख्य चिंता के विषय हैं । नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, झारखण्ड में 38 फीसदी विवाहित 20-24 वर्ष की महिलाओं की शादी 18 साल से पहले हो चुकी थी, जो कि देश के बाल विवाह दर 27 प्रतिशत से भी ज़्यादा है । गोड्डा ज़िले में बाल विवाह की दर 63.5 प्रतिशत है, जो झारखण्ड में सर्वाधिक है।
गोड्डा ज़िले में महिला साक्षरता दर 44 प्रतिशत है। माध्यमिक विद्यालयों में केवल 40 प्रतिशत लड़कियां पढ़ रही हैं। उच्च कक्षाओं में यह दर और कम होकर सिर्फ 20 फीसदी ही रह जाती है। विद्यालय से क्षीजित किशोरियों में बाल विवाह की संख्या ज़्यादा है।
साथी के निदेशक नीरज कुमार ने कहा कि ज़िले में बाल विवाह की दर में कमी लाने के लिए के लिए इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन वूमेन (आईसीआरडब्ल्यू) और साथी गोड्डा जिला
में “उमंग” कार्यक्रम के तहत किशोरी सशक्तिकरण और लैंगिक समानता पर काम कर रही है। “उमंग” कार्यक्रम 10-18 वर्ष की किशोरियों के साथ लिंग आधारित भेदभाव की समाप्ति एवं समाज मे लड़कियों के प्रति सकारात्मक सोच पैदा करेगी, ताकि किशोरियों के जीवन कौशल में सुधार आ सके और वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित हों । मूल उद्देश्य है किशोरियों को सशक्त बनाना ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त करें और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा पाएं।
यह अभियान किशोरियों की शिक्षा प्राप्ति के महत्व और उससे जुड़े उनके जीवन में आने वाले सकारात्मक परिणामों को उल्लेख करेगा और साथ ही बाल विवाह के कुपरिणामों पर भी प्रकाश डालेगा। यह अभियान समुदाय स्तर पर उन सभी लोगों को जागरूक करेगा जो समुदाय तथा परिवार में प्रमुखता से विवाह सम्बंधित निर्णय लेते हैं।
अभियान गोड्डा प्रखण्ड में 96 स्थानों और माहागामा प्रखण्ड में 55 स्थानों पर कार्यान्वित किया जायेगा। इसमें समुदाय की भूमिका भी अहम होगी।
कार्यक्रम में समग्र शिक्षा अभियान से शम्भूदत्त मिश्रा, सोनी कुमारी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी रितेश कुमार, बाल कल्याण समिति के विनय चौधरी, आईसीआरडब्ल्यू के शक्ति घोष, पारस वर्मा, विनीत कुमार, उमंग परियोजना के समन्वयक नेहा सरकार, विभाष चंद्र, सुबोध कुमार, पीसीआई के संजीव कुमार, पूनम कुमारी, उमंग एवं चाइल्ड लाइन की पूरी टीम मौजूद थे।