यक्ष्मा को जड़ से मिटाने को ले कर जागरूकता पर विशेष ध्यान देने का किया गया अहवान
2025 तक हर हाल में देश को यक्ष्मा मुक्त करने का लक्ष्य
पाकुड़ : विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित सोनाजोड़ी स्थित सदर अस्पताल परिसर में जिला यक्ष्मा नियंत्रण समिति द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।आयोजित कार्यक्रम का उदघाटन सिविल सर्जन डाॅ रामदेव पासवान,डीएस डाॅ एस के झा,डीटीओ डाॅ एहतेशामुद्वीन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।वहीं जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डाॅ एहतेशामुद्वीन ने सभी अतिथियों और अंगन्तुकों का स्वागत करते हुये यक्ष्मा बिमारी के बावत विस्तार से जानकारी दी।उन्होने कहा कि यह बिमारीमुख्यत हवा से फैलता है और इसके फैलने की मुख्यवजह से प्रर्दुषण।उन्होने कहा कि नई तकनिक स ेअब इस बिमारी का ईलाज पुणतः सभंव है।परन्तू रोगी को कोर्स पूरा करना होता है।उन्होने कहा कि यक्ष्मा की मुख्य पहचान है खासी होना,बलगम में खुन आना।उन्होने इसके ईलाज के बावत नई पद्वती क जानकारी भी उपलब्ध करवाया। उन्होने कहां कि लगातार इलाज कराने से रोगी पूरी तरह से यक्ष्मा से छुटकारा पा सकता है। मौके पर मौजूद सिविल सर्जन डाॅ रामदेचव पासवान ने बताया कि पहले डॉट्स प्रक्रिया थी अब इसमें कुछ फेरबदल कर रोगी को नित्य प्रति दवाई सहिया के माध्यम से दी जाती है। यदि लगातार 2 हफ्ते से अधिक खांसी है तो अपने खखार की जांच अस्पताल में आकर निशुल्क जरूर करवाएं अब तो सटीक उत्तर के लिए एक बड़ी कीमती मशीन सीपी नेट भी आ चुकी है। जिस से कंफर्म हो जाता है कि व्यक्ति को किस केटेगरी की टीवी है और उसका इलाज प्रारंभ कर दिया जाता है। उन्होंने कहा यदि इसमें लापरवाही बरती गई तो व्यक्ति की जान जाना सुनिश्चित है ,किंतु समय पर दवा खिलाई गई तो उसे पूर्ण रूप से छुटकारा मिल सकता है।उन्होने कहा कि वर्ष 2025 तक देश को यक्ष्मा मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है।वहीं मौके पर अन्य चिकित्सकों ने भी अहम जानकारी दी।कार्यक्रम में यक्ष्मा योद्वााओं को सम्मनित भी किया गया।वहीं मौके पर विधयक प्रतिनिधि मो0 मुख्तार,डाॅ श्ंकरलाल मुर्मू,डाॅ डोमनिका,डाॅ मनीष समेत दर्जनों कर्मी मौजूद थे।