जमशेदपुर: झारखंड सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ के प्रदेश संरक्षक डॉ०एस०के०झा ने कहा कि हमारे शिक्षक बंधु विश्वविद्यालय के मानवताशून्य और संवेदनाविहीन माहौल में निष्ठापूर्वक कार्यरत हैं। विदित हो कि राँची विश्वविद्यालय में कार्यरत घंटी आधारित अनुबंध सहायक प्राध्यापकों को विगत एक साल से (मार्च,2020 से)तथा कोल्हान विश्वविद्यालय में विगत छः माह से (अक्टूबर,2020 से) मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। जबकि कोरोना महामारी के दौरान ये शिक्षक न सिर्फ संक्रमित हो रहे हैं, बल्कि अब तक दो शिक्षिका इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुकी हैं। सिमडेगा कालेज में कार्यरत डॉ०शांता बेसरा के निधन के बाद डोरंडा कॉलेज में कुड़ुख भाषा में कार्यरत अनुबंध सहायक प्राध्यापिका डॉ०जानकी (42) के निधन से सभी अनुबंध सहायक प्राध्यापकों में असंतोष व्याप्त है।अक्सर देखा गया है कि अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्य व विभागाध्यक्ष इन शिक्षकों का बिल भेजने में लालफीताशाही जैसी कार्यशैली को अपनाये हुए हैं।जिसकी वजह से उपरोक्त विश्वविद्यालयों में ससमय मानदेय का भुगतान नहीं हो पाता है।जब शिक्षक अपने अर्जित पैसे से भी खुद का इलाज नहीं करा सके और अंतोगत्वा उसे अपनी जान गंवानी पड़े,तो सहज ही सोचा जा सकता है कि ये शिक्षक किस तरह के संवेदनाशून्य माहौल में कार्य कर रहे होंगे। सरकार को न सिर्फ इस दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिए बल्कि महामारी के कारण असमय काल के गाल में समाने वाले शिक्षकों को 50 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति और इनके बच्चों के पठन – पाठन की जिम्मेदारी भी उठानी चाहिए।