रामगढ़ : शहर के थाना चौक के पास स्थित होटल शिवम इन्न के सभागार में ” क्यों जरूरी है खुशी, इसे जिंदगी में लाएं कैसे ” विषय पर बौद्धिक विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी -सह लघु उद्योग भारती के झारखंड प्रदेश महामंत्री विजय मेवाड़ ने किया। संचालन प्रखर वक्ता डॉ प्रो संजय कुमार सिंह ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन अखिलेश ने किया। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। खुशी क्लास के संस्थापक सह संचालक मुकेश सिंह चौहान ने अपने संबोधन में बताया कि खुशी मिशन चलाने की जरूरत क्यों पड़ी।
आखिर वो सबकुछ छोड़कर खुशी क्लास क्यों प्रारंभ कर दिए। उन्होंने बताया कि पत्रकारिता के क्रम में उन्होंने देखा कि तनाव, हाइपरटेंशन, आत्महत्या की प्रवृत्ति समाज को अंदर ही अंदर तोड़ रहा है। शायद ही कोई ऐसा घर बचा, जहां तनाव प्रवेश नहीं कर गया है। छोटी-छोटी बातों पर लोग, छात्र सुसाइड कर ले रहे हैं।
इन घटनाओं के बढ़ते आंकड़ो से विचलित होकर इसे रोकने की कोशिश के उद्देश्य से खुशी मिशन शुरू किया गया। अध्यक्षता कर रहे मेवाड़ ने कहा कि जिंदगी जिंदादिली से गुजारने के लिए है, यूं ही गंवाने या गुजरने के लिए नहीं। खुशी अभियान का मूलमंत्र बौद्धिक मदद, यह सभी को करनी ही चाहिए।
इसी से समाज संवरेगा। हर व्यक्ति सिर्फ 5 मीटर की दूरी को गोद ले कर, यह सोच लें कि ; अगर यहां कुछ भी गलत होता है तो हम टोकेंगे जरुर। कोई कुछ भी कहे, इससे मतलब नहीं ; मतलब सिर्फ इतना, यहां बौद्धिक मदद की जरूरत थी और हमने किया। संचालन कर रहे डॉ संजय सिंह ने कहा कि खुशी क्लास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अग्रसर है।
यकीनन खुशी क्लास, खुशी चौपाल और खुशी संदेश समाज के लिए मील का पत्थर साबित होगा। साहित्यकार सरोज झा ने ” कोई कहे पागल “गाकर लोगों को झूमा दिया। गोष्ठी को बसंत हेतमसरिया, अनमोल सिंह, गोविंद मेवाड़, अरुण राय, डॉ शैलेन्द्र कुमार, अमित सिन्हा, विजय जायसवाल, बसुध तिवारी, मनोज मंडल, सरोज झा, मनजी सिंह, धनंजय पुटुस, छोटन सिंह, नन्द किशोर जी नन्दू, शिक्षक बासुदेव , मनोज मंडल आदि ने भी संबोधित किया। सभी एक स्वर में खुशी दूत बनने का संकल्प लिया।