रांची: आज कांके सुतियांम्बे मुड़हर पहाड़ के आस पास सभी धार्मिक चिन्हों पर भेड़ा, बकरा एवं मुर्गा का बलि देकर पुरे विधि विधान, ढोल नगाड़ो के साथ महा राजा मदरा मुण्डा का चौत पुर्णिमा जयन्ती धूम धाम से बनायी गयी।
जिसमें, हेसातू, रातू, हेसालुंग, मैकलुस्कीगंज, चुड़ी टोला, उपर कोनकी, चुड़ी बस्ती, सोसई टोला (बुड़मू), नगड़ा, चिलदाग सोसो, हेसल गोन्दरी पोखर, ओखरगढ़ा, पुशू, बुकरू, कोकदोरो, कांके रोड, मुरूम, होचर, बालू इत्यादि क्षेत्रों से पुरूष, महिलाएँ भारी संख्या में शामिल हुए। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं।
महाराजा मदरा मुण्डा चैत पुर्णिमा पुजा समिति के अध्यक्ष सह मुड़हर पहाड़ के पहान अरबिन्द पहान ने कहा की आदिवासी समाज आदिकाल से बलि प्रथा का परंम्परा को निभाते आयी है और आज भी महाराजा मदरा मुण्डा की जयन्ती पर सुतियांम्बे मुड़हर पहाड़ के आस पास सभी धार्मिक स्थलों में जाकर पुरे विधि विधान,ढोल नगाड़ो के साथ पुजा पाठ किया तथा भेड़ा,बकरा एवं मुर्गा का बलि देकर पुजा संम्पन्न कराया गया।
मुख्य संरक्षक लक्ष्मीनारायण मुण्डा ने कहा की महाराजा मदरा मुण्डा की जयन्ती पुरे आदिवासी रिझ रंग ढोल नगाड़ो के साथ सुतियांम्बे मुड़हर पहाड़ में बनाया गया आने वाले वर्षों में इससे भी भाव और बढ़िया रूप में बनाया जाऐगा।
संरक्षक शहदेव मुण्डा ने कहा की आज के युवाओं को हमारे वीर महापुरूषों के इतिहास को जानने की जरूरत है। महाराजा मदरा मुण्डा अपने शासन काल में पड़हा व्यवस्था को बनाया था ताकि आदिवासी समाज एक साथ मिलकर रहे।
इस कार्यक्रम में लाला महली,साधू मुण्डा,रंजन पहान,राजेश पहान,शिवधन मुण्डा,श्याम लाल पहान,रामेश्वर पहान,सोनू मुण्डा,जगदीश पहान,सधन उराँव,डब्लू मुण्डा,दरिद्र चन्द्र मुण्डा,मनीष मुण्डा,अनिल कच्छप,शिवरतन मुण्डा,सुनील होरो संजू देवी अन्य मौजूद थे।