उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में साधु शोभन सरकार के सपने पर भरोसा करते हुए पुरातत्व विभाग की टीम ने आज सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच डौडिया खेडा गांव में राजा राव राम बक्श सिंह के खंडहर हो चुके किले में दबे एक हजार टन सोने की खोज के लिए खुदाई का काम शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने पहला फावड़ा मारते हुए खुदाई की औपचारिक शुरूआत की और इसके साथ पुरातत्वविद पीके मिश्र की देखरेख में उनके विभाग की 12 सदस्यीय टीम ने खुदाई का काम शुरू कर दिया। पहले दिन पांच घंटे खुदाई हुई और अब अगले दिन यानि शनिवार को सुबह दस बजे खुदाई का काम फिर शुरू होगा।
किले में 1000 टन सोना दबे होने की भविष्यवाणी करने वाले साधु शोभन सरकार ने खुदाई शुरू होने से पहले आज सुबह खुदाई स्थल का भूमि पूजन किया और खुदाई के स्थान का चिन्हांकन किया। खुदाई में सोने का खजाना मिलने में लगने वाले समय के बारे में पूछे जाने पर, साधु शोभन सरकार ने कहा कि वे इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते। यह बात तो पुरातत्वविद ही बता सकते हैं। इतना जरूर कह सकते हैं कि 1000 टन सोना किसी एक ही जगह पर नहीं मिलने वाला और इसके लिए किले में कई जगहों पर खुदाई करनी पड़ेगी।
किले में 1000 टन सोना दबे होने की भविष्यवाणी के बाद से ही सैंकड़ों साल से खंडहर पड़ा राजा राव राम बक्श सिंह का किला लोगों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है और वहां जिज्ञासुओं का मेला लगा हुआ है। इसे देखते हुए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किये गये हैं और खुदाई वाले स्थान तक लोगों को पहुंचने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी गयी है। इससे पूर्व, जिलाधिकारी आनंद के साथ पुरातत्व टीम के मुखिया पीके मिश्र एवं अन्य अधिकारियों की बैठक में खुदाई की रूपरेखा एवं जरूरी व्यवस्था को लेकर चर्चा हुई। खुदाई का काम दिन में लगभग 11 बजे शुरू होना था, लेकिन औपचारिकताएं पूरी करने में लगभग डेढ़ घंटे विलम्ब से यह शुरू हो पायी।
इस सिलसिले की शुरूआत 22 सितम्बर को साधु शोभन सरकार के साथ केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चरणदास महंत की मुलाकात के बाद हुई, जब सरकार ने उन्हें राजा राव राम बक्श सिंह के किले में 1000 टन सोना दबे होने की बात का यकीन दिलाया। महंत 22 सितम्बर के बाद सात अक्टूबर को भी साधु शोभन सरकार के आश्रम गये और उसके बाद उनके सपने के आधार पर खुदाई के लिए भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण (जीएसआई) और पुरातत्व विभाग की टीमों ने किले का दौरा किया और जरूरी जांच पड़ताल के बाद आज से शुरू हुई खुदाई का कार्यक्रम तय किया।
गौरतलब है कि डौडिया खेडा स्टेट के पच्चीसवें शासक राजा राव राम बक्श सिंह ने 1857 में आजादी के प्रथम युद्ध में अंग्रेजों से लोहा लिया था और बाद में उन्हें एक पेड़ से लटकाकर फांसी दे दी गयी थी।