बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: चंद्रपुरा प्रखंड के तेलो पश्चिमी पंचायत के आदिवासी बहुल गांव बदाही के ग्रामीण इस चिलचिलाती धूप में पानी को लेकर कर रहे है त्राहिमाम। गांव में दो चपानल है परंतु दोनो 6 माह से खराब पड़ा है।
इससे बड़ी बात तो यह है कि जल जीवन मिशन के तहत मिनी जल मीनार बना हुआ है लेकिन महीने में एक दो दिन ही पानी दिया जाता है जिसके बाद गेट में ताला लगाकर छोड़ दिया जाता है, लोग पानी के लिए भटके तो भटके बाबुओं को उनसे क्या? यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। पानी की समस्या को लेकर बदाही गांव के आदिवासी महिलाओं एवं बच्चो ने डेगची, बाल्टी, लोटा गिलास लेकर रोड पर उतर कर सिस्टम के खिलाफ गुस्से का इजहार किया।
उनके साथ में तेलो पश्चिमी पंचायत के मुखिया जितेंद्र शर्मा, पंचायत समिति सदस्य राजेंद्र महतो, पूर्व मुखिया सीमा देवी प्रदर्शन में शामिल हुये । स्थानीय महिला गोवामुनी देवी ने कहा कि इस भीषण गर्मी में पानी के लिए हम सभी लोग दर दर भटक को मजबूर है, गांव में दो चपानल है परंतु दोनो चापानल खराब पड़ा है। सभी को बोल के थक गए है लेकिन किसी ने नही सुनी और पानी की समस्या जस का तस बना हुआ है।
मुखिया जितेंद्र शर्मा ने कहा कि पंचायत के मुखिया होने के नाते जहां तक हुआ समस्या का समाधान करने का प्रयास किया लेकिन सरकार हमलोग को बड़ा फंड नही देता हैं जिसके कारण हमलोग समस्या का हल पूरी तरह से नही कर पा रहे है। पेयजल विभाग के जितने भी अधिकारी है सभी बेलगाम है किसी की भी नही सुनते ।
पंचायत समिति सदस्य राजेंद्र महतो ने कहा की सरकार के जिनते भी विभाग है उसमे से सबसे दयनीय स्थिति पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का है। दोनो खराब चापानल की मरम्मती को लेकर दो सप्ताह पूर्व में ही विभाग के कनीय अभियंता आयूब अहमद को लिखे थे लेकिन बनाना उचित नही समझा। कई बार फोन भी किया लेकिन रिसीव तक नही किया गया।
वर्तमान सरकार में अधिकारी भी हमलोगों की कोई बात नही सुन रहे है। छोटे छोटे बच्चो ने कहा की सरकार हमारी क्या गलती है जो इस चिलचिलाती धूप में पानी नही मिल पा रहा है। हमलोगो का माता पिता सुबह पानी लाने काफी दूर जाते है जिस कारण सुबह स्कूल जाने में भी देरी होती है। इस पानी की विकराल समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा दिलाए।
इस संबंध में कनीय अभियंता आयूब अहमद ने कहा की हम मिस्री को बनाने के लिए भेजे थे लेकिन गलती से वहां नही बना के दूसरे जगह पर बना दिया गया। ये चापानल एक दो दिन में बन जायेगा और ग्रामीणों की पानी की समस्या दूर हो जायेगी।