– पीओपी नहीं होने के चलते प्रशिक्षणार्थियों में अवसाद
रांची: झारखंड पुलिस के रेडियो ऑपरेटर पद पर चयनित करीब 500 अभ्यर्थियों का तीन वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बावजूद पासिंग आउट परेड नहीं हो पाया है। मजेदार बात यह है कि प्रशिक्षण महज एक वर्ष का था, लेकिन राज्य के पुलिस महकमे की अंधेरगर्दी के कारण तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रशिक्षणार्थियों का पासिंग आउट परेड नहीं हो पाया है। परिणामस्वरूप जहां राज्य के अधिकतर पुलिस थाने बिना वायरलेस ऑपरेटर के चल रहा है। वहीं प्रशिक्षणार्थियों में अवसाद गहराता जा रहा है। जिसकी परिणति यह हुई कि बुधवार को राज्य की राजधानी टाटीसिल्वे में स्थित जैप टू के मुख्यालय में एक प्रशिक्षणार्थी रेडियो ऑपरेटर ने गले में फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की।
हालांकि आत्महत्या की कोशिश से पहले उस युवक ने इस बात की जानकारी सोशल मीडिया पर डाल दी थी। जिसमें उसने अपनी मौत के लिए पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) एवं जैप दो के कमांडेंट को जिम्मेवार ठहराया है। सोशल मीडिया पर डाले पोस्ट में प्रशिक्षणार्थी ने लिखा है कि 3 साल बीतने के बाद भी पासिंग आउट परेड नहीं कराया गया है और न ही घर जाने की छुट्टी दी जा रही है। रेडियो ऑपरेटर का कार्य कराने के बदले उन लोगों को विधि व्यवस्था की ड्यूटी में लगाया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर जानकारी मिलने पर अन्य प्रशिक्षणार्थियों ने दौड़कर उसकी जान बचाई। उसकी गंभीर स्थिति के मद्देनजर इलाज के लिए रांची के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद प्रशिक्षणार्थियों ने जैप दो मुख्यालय में हंगामा भी किया।
बताते चलें कि 6 अक्टूबर को कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) को पत्र लिखकर इस बात पर दुख जताया था कि 3 वर्ष बीतने के बाद भी रेडियो ऑपरेटर का पासिंग आउट परेड नहीं हो पाया है। उन्होंने जल्द पासिंग आउट परेड कराने की मांग की थी।
विधायक श्रीमती सिंह के पत्र पर आईजी प्रशिक्षण ने 8 अक्टूबर को कागजी घोड़ा दौड़ाते हुए जैप दो एवं 9 के कमांडेंट को पत्र लिखकर जल्द पासिंग आउट परेड की तिथि निर्धारित कर उन्हें सूचित करने का निर्देश दिया था। आईजी प्रशिक्षण के निर्देश के बावजूद जैप दो में 3 वर्ष से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रेडियो ऑपरेटरों के पासिंग आउट परेड की तिथि निर्धारित नहीं की गई है। पुलिस विभाग की उदासीनता से त्रस्त होकर 20 अक्टूबर को एक प्रशिक्षणार्थी ने अपनी जान देने की कोशिश की।
जानकारी मिली है कि झारखंड अवर सेवा चयन पर्षद द्वारा लिखित एवं शारीरिक जांच परीक्षा के उपरांत चयनित रेडियो ऑपरेटरों का प्रशिक्षण 8 अक्टूबर 2018 से रांची स्थित जैप टू के मुख्यालय में चल रहा है। प्रशिक्षण अवधि एक वर्ष निर्धारित थी।
इस बीच पिछले साल 2020 के मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना महामारी के दौरान बगैर पासिंग आउट परेड कराए ही रेडियो ऑपरेटरों को अपने पदस्थापित थाना में योगदान करने के लिए भेज दिया गया था। इस साल अप्रैल 2021 में रेडियो ऑपरेटरों को पासिंग आउट परेड के लिए जैप टू मुख्यालय, रांची बुलाया गया । लेकिन तिथि निर्धारित नहीं की गई। इस दौरान कोरोना की दूसरी लहर के कारण ट्रेनिंग सेंटर बंद होने के परिणाम स्वरूप पासिंग आउट परेड नहीं हो सका। इस बीच 5 सितंबर को सभी रेडियो ऑपरेटर को पुनः पासिंग आउट परेड के लिए जैप दो मुख्यालय रांची बुलवा लिया गया है। लेकिन दुख की बात यह है कि संबंधित पदाधिकारियों की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी पासिंग आउट परेड की तिथि तक निर्धारित नहीं की जा सकी है।
टाटीसिलवे थाना प्रभारी ने बताया कि एक जवान ने खुदकुशी करने का प्रयास किया है। उसे अस्पताल भेजा गया है।