टंडवा(चतरा)। विभागीय लापरवाही के कारण टंडवा अंचल के किसुनपुर के किसान आपदा रहत के लाभ से वंचीत रह गए। किसुनपुर के ग्रामीणों का कहना है कि विगत 25 फरवरी 2020 को ओलावृष्टि से हुए नुकशा को देखते हुए टंडवा प्रखंड के किसानों को क्षतिपूर्ति देने की घोषणा की गई, लेकिन स्थल का भौतिक सत्यापन कर जिला प्रशासन को स्वीकृति हेतू भेजे जाने के समय विभागीय कर्मी किसुनपुर के एक भी किसानों का नाम चयन कर क्षतिपूर्ति हेतू नहीं भेजा। जबकी ओलावृष्टि से बड़े पैमाने पर किसुनपुर के किसानों के फसल भी बरबाद हुए थे। लेकिन विडंबना यह है कि अगल-बगल के सभी गांवों से लाभुकों का नाम सूचि में दर्ज कर जिला मुख्यालय भेजा गया, पर उपरोक्त गांव ही सूची से लापता हो गया। हल्का चार अन्तर्गत मौजा सराढू के ग्रामीणों द्वारा 22 मार्च को पत्र लिखकर राजस्व कर्मचारी पर बिचैलियों के साथ मिलकर गुपचुप तरीके से सूची बनाकर आहर्ता रखने वाले किसानों को लाभ नही देने का आरोप कार्रवाई की मांग की है।