रामगढ़: झारखंड के सपूत त्याग व बलिदान के प्रतीक क्रांतिकारी शहीद निर्मल महतो की 34वीं पुण्यतिथि कोठार ओवरब्रिज समीप निर्मल महतो चौक में मनाई गई। सर्वप्रथम उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का नेतृत्व नगर परिषद कमिटी ने किया। जिसके बतौर मुख्य अतिथि के रूप में नगर परिषद अध्यक्ष युगेश बेदिया,उपाध्यक्ष मनोज़ कुमार महतो उपस्थित हुए।
लोगों को सम्बोधित करते हुए नगर परिषद अध्यक्ष ने कहा कि शहीद निर्मल महतो अलग राज्य गठन की मांग को लेकर लड़ाई लड़ी। जिसका परिणाम हमें वर्ष 2000 में अलग झारखंड राज्य मिला। अलग राज्य बनने के बाद भी राज्य का विकास अधूरा है।
वहीं मनोज़ कुमार महतो ने बताया गया कि शहीद निर्मल महतो का त्याग, बलिदान एवं संघर्ष सदियों तक याद रखे जाएंगे। उनके प्रयास से ही झारखंड में सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाए गए थे। अगर संयुक्त बिहार से झारखंड राज्य अलग हुआ और सूदखोरों एवं सामंतों से ग्रामीणों को राहत मिली है, तो इसमें इनकी मुहिम का असर है। निर्मल महतो ने ही सबसे पहले शोषण के विरुद्ध एवं गरीबों, मजदूरों, किसानों के हक के लिए आवाज उठाई।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से केंद्रीय सचिव निरंजन मुंडा,पूर्व रामगढ प्रखण्ड अध्यक्ष बबलू करनाली,आजसू पार्टी के नगर परिषद अध्यक्ष विनोद कुशवाहा,सचिव राजेन्द्र महतो,कार्यकारी अध्यक्ष हरेश राय,वार्ड पार्षद देवधारी महतो,रौशन कुमार, चितु महतो,शोमू खान,सुशील सिंह,छोटू पटेल,डिया महतो,महेंद्र चौधरी,राजेश महतो,कैलाश महतो,नरेश महतो,पुरुषोत्तम कुमार,लाल बाबू मुंडा,शोले अंसारी,राजेश राम,कल्लू राम,किशुन भगत आदि पार्टी के कार्यकर्ता उपस्थित थे।