बसंत कुमार गुप्ता
गुमला: उप विकास आयुक्त संजय बिहारी अंबष्ठ की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में बाल संरक्षण ईकाई के तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में बाल संरक्षण अधिनियम के तहत जिले में संचालित संस्थागत एवं गैर-संस्थागत संस्थानों के पदाधिकारी, कर्मी एवं प्रतिनिधियों की सहभागिता से जिले में संचालित बाल संप्रेषण गृह, बाल कल्याण समिति, विशेष किशोर पुलिस ईकाई एवं किशोर न्याय बोर्ड के द्वारा जिले में बाल संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में अबतक किए गए कार्य की चर्चा की गई। साथ ही बाल संरक्षण के क्षेत्र में गैर- संस्थागत सेवाओं के क्रियाकालाप पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में बताया गया कि बाल संरक्षण के क्षेत्र में हितधारक एवं गैर संस्थागत संस्थाओं के माध्यम से बाल श्रम उन्मूलन, किशोरियों के साथ यौन उत्पीड़न के मामलों के प्रकाश में आने के बाद उनके संरक्षण एवं राहत के लिए सरकार द्वारा कई तरह के कार्यक्रम संचालित किए गए हैं।
उप विकास आयुक्त ने बाल तस्करी से मुक्त बालक-बालिकाओं के पठन-पाठन एवं शिक्षण के लिए जिले में संचालित कस्तूरबा गाँधी बालिका आवासीय विद्यालय तथा कल्याण विभाग द्वारा संचालित अन्य आवासीय विद्यालयों में प्रभावित एवं प्रताड़ित बालक-बालिकाओं के शिक्षण के व्यवस्था के लिए संबंधित प्राचार्य से समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया। साथ ही चाइल्ड लाइन सेवाओं के अंतर्गत कार्यरत कर्मियों के लिए परिचय पत्र निर्गत करने की बात कही। उन्होंने कार्यसाला को संबोधित करते हुए कहा कि विगत 23 फरवरी को बालिका बाल गृह में घटित घटना जिला प्रशासन के लिए बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने घटना के आलोक में विशेष किशोर पुलिस ईकाई को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। साथ ही बाल कल्याण समिति द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आलोक में सदर थाना प्रभारी को यथाशीघ्र कार्रवाई करते हुए दोषियों के विरूद्ध न्यायोचित कार्रवाई का निर्देश दिया।
कार्यशाला में गैर-संस्थागत के अंतर्गत संचालित सेवाओं के प्रायोजक एवं एडोप्शन के चयन के लिए विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में कार्य करने का निर्णय लिया गया। साथ ही प्रायोजित योजना के तहत लाभांवित किए जाने वाले बच्चों का संपूर्ण दस्तावेज प्रलेखित करने का निर्णय लिया गया। इसके अंतर्गत प्रभावित बच्चों का आवसीय प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, उनके अभिभावक का आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि संकलित करने का निर्देश दिया गया।
उपस्थिति
कार्यशाला में उप विकास आयुक्त सहित जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सह विधिक परिविक्षा पदाधिकारी, संस्थागत संरक्षण पदाधिकारी, अधीक्षक बालगृह, बाल कल्याण समिति सदस्य, संप्रेषण गृह अधीक्षक, कई गैर-सरकारी संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।