रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर । प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, माउंट आबू की ब्रम्हाकुमारिज पाठशाला, चक्रधरपुर की प्रभारी बीके(डॉ) मानिनी ने कहा कि हर परिस्थिति में प्रसन्नचित्त, शांत व चिन्ताहिन होकर अपने को आत्मा समझना व सभी को आत्मिक स्वरूप में समझना ही योग की पहली सीढ़ी है । वे आज मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती की 56 वां स्मृति दिवस (मम्मा डे) पर ब्रम्हाकुमारिज पाठशाला परिसर में आयोजित एक सादे समारोह में बोल रही थी । उन्होंने आगे कहा कि अपने जीवन की सारी जिम्मेदारी भगवान को सौंप दिया तो कल्याण जरूर होगा । अन्यथा रावण की अमानत को एक भी सम्भाल दी तो दिलाराम ठहर नहीं सकता । इसके पूर्व मातेश्वरी के महावाक्य को सुनाया गया तथा उपस्थित सभी राहयोग प्रशिक्षुओ ने मम्मा के कदमो को अनुसरण करते हुए आगे बढ़ने का संकल्प लिया । मौके पर मम्मा के तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पण किया गया, तथा परमपिता शिव परमात्मा को भोग लगाया गया । ततपश्चात भोग का वितरण किया गया । इस अवसर पर कोविड के गाइडलाइन का अक्षरांश पालन करते हुए सुशीला, संगीता, गीता,रीता, सत्यवामा, लीलावती, राजू,लक्ष्मी सर आदि ने मम्मा के प्रति श्रद्धा व्यक्त की ।