मांडू: झारखंड कोलियरी का विस्तारीकरण को लेकर बृहस्पतिवार को यूनिफाइड कमांड सेंटर लईयो में गांव के गणमान्य व्यक्तियों व रैयतों एंव सीसीएल प्रबंधन के बीच बैठक हुई। जिसमें रैयतों ने सीधे शब्दों में प्रबंधन से कहा कि अगर प्रबंधन को लईयो में जमीन चाहिए तो सबसे पहले लईयो की मूलभूत सुविधाओं को गांव में बहाल करना होगा। झारखंड परियोजना एवं लईयो भूगर्भ परियोजना में लंबित नौकरी एवं मुआवजा का भुगतान भू अधिग्रहण से पूर्व करना होगा! उपस्थित ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि लईयो में बिजली पानी सड़क की समस्या का दंश हम ग्रामीण दशकों से झेल रहे है परंतु प्रबंधन की नींद अभी तक नहीं खुली है लिहाजा सभी ग्रामीण रैयतो के बीच आक्रोश व्याप्त है। उपस्थित रैयतो ने प्रबंधन पर आरोप लगाया कि हम अपने जमीन के बदले नौकरी के लिए 15 से 20 वर्ष पहले जमीन के कागजात परियोजना कार्यालय में जमा किए परंतु तब से लेकर आज तक हमें नौकरी से वंचित रखा गया है पूर्व में अधिकृत जमीन के बदले फसल मुआवजा भी मिलता था वह भी कई वर्षों से बंद है, अगर सीसीएल की यही नीति रही तो हम रैयत किसी भी सूरत में सीसीएल को एक इंच जमीन नहीं देंगे! रैयतो ने मांग किया है कि लईयो पीट ऑफिस से लईयो बस्ती एवं केदला बैंक मोड़ से गोसी लईयो तक पक्की सड़क का निर्माण सहित बिजली पानी की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं हो जाता तब तक प्रबंधन जमीन अधिग्रहण का सपना देखना छोड़ पहले से ही यहां के ग्रामीण रैयत प्रबंधन के द्वारा काफी छल्ले चले गए हैं अब ऐसा नहीं होगा मौके पर प्रबंधन की ओर से पीओ जे.एन गुप्ता मैनेजर एल. के राय,टी.एन सिंह नोडल अधिकारी, विकास रंजन कार्मिक प्रबंधक एवं ग्रामीणों की ओर से दक्षिणी मुखिया धनेश्वर प्रसाद विश्वनाथ महतो, डाल चंद महतो दासो प्रसाद, बसंत महतो, मदन महतो वजाहत हुसैन, निर्मल महतो, किस्टो सिंह एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।