रामगढ़ से वली उल्लाह की रिपोर्ट
रामगढ़ । रामगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी के तत्वधान में सोमवार को ग्रैंड यश होटल में स्मरण उत्सव समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जिला अध्यक्ष मुन्ना पासवान विषय प्रवेश प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर धन्यवाद ज्ञापन कार्यकारी अध्यक्ष संजय लाल पासवान व संचालन मुकेश यादव ने किया ।
रामगढ़ ज़िला कांग्रेस कमिटी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयोजक कैप्टन परवीन डावर, प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डाक्टर रामेश्वर उंराव बांग्लादेश मुक्ति युद्ध १९७१ स्मरणोत्सव समिति के चेयरमैन राजेश ठाकुर,समन्वयक संजय लाल पासवान का स्वागत किया। कैप्टन परवीन डावर ने बांग्लादेश मुक्ति युद्ध, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना सहित भारतीय सेना के योगदान का विवरण दिया। कैप्टन डाबर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सेना को पाकिस्तान को विभाजित करने और बांग्लादेश बनाने में 12 दिन लगे। बांग्लादेश के निर्माण में इंदिरा गांधी की भूमिका के कारण उन्हें बांग्लादेश के सर्वोच्च पुरस्कार, बांग्लादेश स्वाधीनता समोना से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि विभिन्न इतिहासकारों ने बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में इंदिरा गांधी और भारतीय सेना की भूमिका की भी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि यह इंदिरा गांधी की इच्छा शक्ति और भारतीय सेना की ताकत थी कि 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण करना पड़ा। लक्की ने कहा कि बांग्लादेश का गठन भारतीय सेना के पराक्रम का सबसे बड़ा उदाहरण है। यह तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की राजनीतिक कौशल और विदेश नीति थी, जिसने ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धि का मार्ग प्रशस्त किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह वित्त मंत्री रामेश्वर उंराव ने इंदिरा गांधी और उनके नेतृत्व की भूमिका को याद किया। डा उंराव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि १९७१ के पहले बांलादेश, पाकिस्तान का एक प्रान्त था जिसका नाम ‘पूर्वी पाकिस्तान’ था जबकि वर्तमान पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान कहते थे। कई सालों के संघर्ष और पाकिस्तान की सेना के अत्याचार और बांग्लाभाषियों के दमन के विरोध में पूर्वी पाकिस्तान के लोग सड़कों पर उतर आए थे। १९७१ में आज़ादी के आंदोलन को कुचलने के लिए पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के विद्रोह पर आमादा लोगों पर जमकर अत्याचार किए।
डाक्टर उंराव ने कहा कि भारत की प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने पड़ोसी देश होने के नाते इस जुल्म का विरोध किया और क्रांतिकारियों की मदद की। इसका नतीजा यह हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी जंग हुई। इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिए। इसके साथ ही दक्षिण एशिया में एक नए देश का उदय हुआ।
विधायक ममता देवी ने कहा कि बांग्लादेश के उदय से हमारी प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की इच्छा शक्ति एवं विदेश नीति की जीत हुई ।
सभा को विधायक ममता देवी, कर्नल समित साहा, सत्यनारायण पाठक, समाजसेवी वसंत हेमतसरिया ,सुशील टोप्पो,जयशंकर पाठक, शाहज़ादा अनवर, अवधेश सिंह, सीपी संतन,शांतनु मिश्रा समेत वरिष्ठ नेतागण ने संबोधित किया ।मौके पर कमाल शहजादा सुधीर सिंह धर्मराज राम मनोज पुजहर बजरंग महतो सुजीत पटेल सुजीत कुमार सिंह दिनेश मुंडा बलराम साहू भारत महतो समसुद खान रामबिनय महतो मंटू करमाली असगर अली संजय साहू प्रकाश करमाली संतोष सोनी जाकिर अख्तर बबलू अंसारी अनु विश्वकर्मा रीना देवी रीना राय मंजू जोशी वीरेंद्र सिंह परमानंद सिंह भारत ठाकुर अनिल मुंडा राजन करमाली महेश यादव रूपेंद्र महतो जेके अग्रवाल टिंकू खान धानसिंह बोदरा रामा ठाकुर संजय शर्मा समीर खान साजिद हुसैन राजा खान आजाद सिंह संकेत सुमन उपेंद्र वर्मा अमर मुंडा अरविंद मेहता इत्यादि उपस्थित थे।