ग्रामीण क्षेत्रों में वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण पर नियंत्रण हेतु सुनियोजित बहुआयामी प्रयास के तहत सभी प्रखण्डों में प्रखण्ड कोविड टास्क फोर्स किया जाएगा गठित
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को अपेक्षाकृत सुदृढ़ करने की दिशा में और अधिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है: उपायुक्त
बसंत कुमार गुप्ता
गुमला।अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखण्ड सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा द्वारा गुमला जिलांतर्गत सभी ग्रामीण क्षेत्रों में वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण पर नियंत्रण हेतु सुनियोजित बहुआयामी प्रयास के तहत सभी प्रखण्डों में प्रखण्ड कोविड टास्क फोर्स गठन करने का निर्देश दिया गया है। उपायुक्त ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था को अपेक्षाकृत सुदृढ़ करने की दिशा में और अधिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उक्त क्रम में यह आवश्यक है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमण के सुलभ जांच तथा ससमय जांच परिणाम, समुचित संख्या में आइसोलेशन केंद्रों की स्थापना, समुचित उपचार तथा जागरूकता की प्रभावी कार्य योजना बनायी जाए एवं उक्त रणनीति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु संबंधित प्रखण्ड के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखण्ड कोविड टास्क फोर्स का गठन किया जाय, जिसकी संरचना निम्नवत् होगीः
(क) प्रखण्ड विकास पदाधिकारी/अंचल अधिकारी-अध्यक्ष
(ख) प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी-सदस्य सचिव
(ग) बाल विकास परियोजना पदाधिकारी-सदस्य
(घ) थाना प्रभारी-सदस्य
(ड.) महिला पर्यवेक्षिका, समाज कल्याण-सदस्य
(च) प्रखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक,जेएसएलपीएस-सदस्य
(छ) प्रखण्ड पंचायती राज पदाधिकारी-सदस्य
(ज) प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी-सदस्य
(झ) प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी-सदस्य
समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमण पर नियंत्रण हेतु सुनियोजित बहुआयामी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है, जिस क्रम में निम्नांकित निदेश दिये जा रहे हैं:-
प्रखंड अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक रैट आधारित कोविड जाँच:
1. प्रखंड स्तर पर उक्त प्रखंड में कार्यरत समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों की आंगनबाडी सेविकाओं, आंगनबाड़ी सहिया एवं बहुद्देशीय कार्यकर्ताओं को रैट आधारित कोविड जाँच का प्रशिक्षण प्रदान किया जाय, जिस क्रम में उन्हें समुचित संख्या में निःशुल्क होम आईसोलेशन किट उपलब्ध करा दिया जाय ताकि उनके कार्य क्षेत्र में इस प्रकार के संक्रमण की संभावित सूचना प्राप्त होते ही प्रारंभिक चिकित्सा आरंभ की जा सके, जिसके फलस्वरूप ऐसे गरीज की सेहत बिगड़ने से रोकी जा सके ।
2. प्रत्येक पंचायत स्तर पर आंगनबाड़ी सेविका / सहियाओं के दो-दो दल गठित किए जाएं, जिसमें से एक दल रैट जांच तथा दूसरा दल संभावित कोविड संक्रमितों की पहचान का कार्य करेगा। यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि इन कर्मियों को कोविड-19 टीका के दोनों डोज लग चुके हैं।
3 प्रखंड स्तर से उपर्युक्त पंचायत स्तरीय जांच दल को रैट किट, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मल गन, इत्यादि उपलब्ध करा दी जाए तथा उक्त पंचायत अन्तर्गत अवस्थित ग्रामों में संक्रमण की तीव्रता को देखते हुए प्राथमिकता तय करते हुए ग्रामवार जांच रोस्टर तैयार कर लिया जाए।
4. उक्त जाँच दल जाँच के दौरान-
लक्षण होने पर तुरंत जांच करवा कर समुचित इलाज के लिए चिकित्सकीय परामर्श के लिए बताएगी।
कोविड समुचित व्यवहार जैसे की मास्क पहनना, आपस में दूरी बना कर रखना और हाथों की सफाई के बारे में बताएगी।
घर पर आइसोलेशन के दौरान सावधानियों के बारे में चर्चा कर बताएगी।
आयु के अनुरूप कोविड के टीकाकरण के लिए बताएगी और टीका केन्द्रों की जानकारी भी देगी।
5. जांच दल के सभी सदस्यों द्वारा हर समय मास्क पहनना सुनिश्चित करना चाहिए और कोविड उचित व्यवहार का पालन करना चाहिए।
6. संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा उपर्युक्त आशय का एक आदेश निर्गत कर दिया जाए ताकि किसी प्रकार की शंका की संभावना नहीं रहे ।
7. रैपिड एंटिजन टेस्ट करने के क्रम में प्रखण्ड स्तर पर संधारित एम्बुलेंस वैन अथवा अन्य वाहन की सेवाएं प्राप्त की जा सकती है ताकि प्राथमिकता के आधार पर प्रभावित ग्रामों, अधिक दुर्गम तथा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त विशेष जाँच दल भेजते हुए जाँच करायी जा सके ।
8. कोविड-19 के लक्षण वाले हर व्यक्ति की RAT जाँच की जानी है एवं यदि किसी घर में (किसी भी कारणवश) मृत्यु की सूचना प्राप्त हो तो उस घर के सभी सदस्यों की भी अविलम्ब RAT जांच की जानी है।
9. जांच के क्रम में पॉजिटिव पाए गए सभी मरीजों को चिकित्सा अधिकारी के अनुवीक्षण में चिकित्सकीय मूल्यांकन के पश्चात लक्षणों के आधार पर आइसोलेशन सेंटर अथवा अस्पताल में भर्ती करते हुए इलाज किया जाना अपेक्षित है।
10. किसी संक्रमित व्यक्ति के होम आइसोलेशन में रहने के क्रम में सहिया के द्वारा होम आइसोलेशन किट भी उपलब्ध कराया जाएगा तथा जो संक्रमित व्यक्ति आइसोलेशन केन्द्रों पर होंगे उन्हें केन्द्रों पर ही किट उपलब्ध करायी जाएगी।
11. सहिया साथी सभी होम आइसोलेशन में रोगियों की सूची संकलित करेंगी और उन्हें दवाओं के वितरण और परामर्श के लिए CHO (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी/ANM) के साथ भी साझा करेंगी।
12. होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज के लिए CHO और ANM फोन या घर भ्रमण कर आइसोलेट किए गए मरीजों का हाल जानेंगी और लक्षणों की जानकारी, उपचार का अनुपालन सुनिश्चित करेंगी।
13. उक्त के अतिरिक्त भीड-भाड़ वाले तथा अन्य सार्वजनिक स्थल, यथा
A. प्रखंड स्तरीय CHC / PHC
B. स्थानीय हाट बाजार
C. प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय परिसर, इत्यादि में Rapid Antigen Test हेतु बूथ की स्थापना की जाए, जहां प्रातः 8 बजे से सांय 6 बजे तक जांच की सुविधा सुनिश्चित की जाय ।
D. जाँच में विलम्ब के संभावना की स्थिति में एवं ILI/SARI के लक्षण पाए जाने पर “Presumptive treatment” के अन्तर्गत होम आइसोलेशन किट उपलब्ध कराया जाए तथा उपयोग की विधि का वर्णन किया जाए ।
आइसोलेशन केन्द्रों की स्थापना तथा समुचित संचालन:
1. प्रत्येक प्रखण्ड में जनसंख्या, क्षेत्र विस्तार एवं संक्रमण की दर के आधार पर 3-5 आइसोलेशन केन्द्रों को स्थापित किया जाए।
2. उक्त आईसोलेशन केन्द्र में पर्याप्त मात्रा में पी०पी०ई० किट, मास्क, सैनेटाईजर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।
3. सभी आईसोलेशन केन्द्रों में पौष्टिक आहार, विद्युत आपूर्ति / जेनरेटर, पेयजल, शौचालय, सुरक्षा, आवासन तथा समुचित साफ-सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए।
4. प्रतिदिन चिकित्सकों के द्वारा प्रत्येक आईसोलेशन केन्द्र में रखे गए कोविड संक्रमितों की विधिवत् जाँच सुनिश्चित करते हुए इस प्रयोजन हेतु संधारित पंजी में प्रविष्टि सुनिश्चित की जाए ।
5. आईसोलेशन सेन्टर में पर्याप्त संख्या में मेडिकल किट / पल्स ऑक्सीमीटर आदि उपकरणों की व्यवस्था रहनी चाहिए।
6. आईसोलेशन सेन्टर में ऐसे ए०एन०एम० / पारा मेडिकल स्टाफ की सामान्यतः प्रतिनियुक्ति की जाए, जिन्हें कोविड-19 टीके के दोनों डोज प्राप्त हो चुके हों।
7. प्रत्येक आईसोलेशन सेन्टर को एक चिन्हित एम्बुलेंस से टैग किया जाए ताकि आवश्यकता पड़ने पर संक्रमित व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा हेतु अस्पताल पहुंचाया जा सके।
8. हब एवं स्पोक मॉडल पर सभी आईसोलेशन केन्द्रों की सी०एच०सी० / अनुमण्डल अस्पताल / जिला अस्पताल से संबद्धिकरण (Tagging) सुनिश्चित करते हुए तथा उक्त प्रयोजन हेतु एक नोडल चिकित्सा पदाधिकारी को नामित किया जाए।
9. आईसोलेशन केन्द्रों की व्यवस्था का सतत् पर्यवेक्षण प्रखंड स्तरीय टास्क फोर्स के द्वारा नियमित रूप से किया जाए।
प्रत्येक प्रखंड स्तर पर एम्बुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित करना:
1. प्रत्येक प्रखण्ड स्तर पर ड्राईवर के साथ दो एम्बुलेंसों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि आवश्यकतानुसार ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड-19 संक्रमित एवं अन्य मरीजों को ससमय अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की जा सके। इन एम्बुलेंसों का इस्तेमाल कोविड संक्रमण से मृत व्यक्तियों के शवों के परिवहन हेतु भी किया जा सकता है ।
2. उक्त एम्बुलेंस को बहुउद्देश्यीय वाहन के रूप में उपयोग में लाते हुए आवश्यकतानुसार Rapid Antigen जाँच संबंधी कार्यों में भी प्रयुक्त किया जा सकता है।
3. उक्त एम्बुलेंस के संचालन तथा नियमित पर्यवेक्षण हेतु प्रत्येक प्रखण्ड में एक कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जाए, जिससे एम्बुलेंस के सुव्यवस्थित पारगमन को सुनिश्चित किया जा सके। प्रखंड स्तरीय नियंत्रण कक्ष तथा जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष में उक्त एम्बुलेंस के चालक से सतत् संपर्क रखा जाएगा ताकि समस्त आवश्यक सेवाएँ ससमय प्राप्त की जा सके ।
4. उपर्युक्त वर्णित उद्देश्यों के लिए जिले में उपलब्ध सभी सरकारी एवं सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी एम्बुलेंस का प्रयोग किया जा सकेगा ।
5. प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा प्रत्येक एम्बुलेंसों को विहित प्रपत्र में एक लॉग बुक निर्गत की जाएगी, जिसमें एम्बुलेंस चालक के द्वारा आवश्यक प्रविष्टि करते हुए प्रतिदिन सत्यापन सुनिश्चित कराया जाएगा, जिसके आधार पर प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा अनुमान्य राशि की विमुक्ति हेतु आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
6. एम्बुलेंस की यह व्यवस्था दिनांक 31 जुलाई, 2021 तक लागू रहेगी ।
मृत्यु की स्थिति में शवों का प्रबंधन:
1. कोविड 19 संक्रमण के दौरान समस्त मृतकों के शवों के निःशुल्क उचित निस्तारण हेतु विभागीय पत्रांक-259 (HSN) दिनांक 13 मई, 2021 का अक्षरशः अनुपालन किया जाए (परिशिष्ट-1)।
2. सभी धर्मों के प्रचलन के अनुसार शवदाहगृह/ श्मशान घाट/ कब्रिस्तान में समुचित मात्रा/लकड़ी की उपलब्धता तथा शव दफनाने हेतु स्थल को चिन्हित करने एवं निःशुल्क अन्य समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
स्वयं सहायता समूह के माध्यम से प्रचार प्रसार:
1. कोविड-19 के प्रसार को रोकने तथा कोविङ समुचित व्यवहार कोविड संक्रमण की जाँच एवं उपचार के संबंध में जागरूकता के उद्देश्य से झारखंड ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में गठित स्वयं सहायता समूह के सदस्यों का सक्रिय सहयोग प्राप्त किया जायेगा ।
2. स्वयं सहायता समूह के कोविड-19 संक्रमण के नियंत्रण हेतु प्रचार प्रसार तथा जागरूकता संबंधी कार्यों का कलस्टर तथा प्रखंड समन्वयक के स्तर पर अनुवीक्षण किया जायेगा ।
3. सभी संबंधित जिला कार्यक्रम प्रबंधक उक्त के संबंध में कार्य योजना बनाते हुए स्वास्थ्य सहिया एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की टीम के माध्यम से समन्वय स्थापित करते हुए सर्वे तथा प्रचार-प्रसार, सूचना एकत्र करने एवं संवाद स्थापित करने में सहायोग प्रदान करेंगे ।
4. उक्त कार्य में स्वयं सहायता समूह के ऐसे सदस्य, जिन्हें कोविड-19 टीका का दोनों डोज प्राप्त हो चुका है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जिम्मेवारी दी जा सकती है ।