हनवारा से जावेद अख्तर
हनवारा:कोरोना माहमारी के चलते पहली बार मुस्लिमों के खुशियों का पर्व ईद उल फितर महागामा प्रखण्ड क्षेत्र में सादगी से मनाया गया। न ईदगाह में नमाज पढ़ी गई, न ही मस्जिद में नमाज अदा की गई और न ही लोग मिलने एक दूसरे के घर गए।
लॉक डाउन के चलते धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ लगाने की पाबंदी है। ऐसे में लोगों ने अपने घरों में ही ईद की नमाज पढ़कर मुल्क की तरक्की और कोरोना वायरस से मुक्ति की दुआ मांगी।
हनवारा स्थित खैराटीकर ईदगाह में सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस फोर्स भी तैनात की गई थी। शांति व्यवस्था के मद्देनजर ईदगाहों व मस्जिदों के आसपास प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस टीम मुस्तैद रही। लोगों ने परिवार के सदस्यों के साथ घरों में नमाज अदा कर मुल्क की तरक्की व अमन चैन की दुआ मांगी। शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के लिए अधिकांश लोगों ने गले मिलने के बजाय हाथ जोड़कर एक दूसरे को पर्व की बधाई दी। अपने घर से लोगो ने सोशल मीडिया, फोन के माध्यम से अपने परिवार,दोस्त एवं क्षेत्र के साथ साथ जिले वासियों को ईद उल फितर की मुबारक बाद दी।
न गले मिले, न हाथ मिलाया, पुराने कपड़ों में ही काम चलाया
लॉकडाउन के चलते ऐसा पहली बार हुआ कि लोग अपने घरों में ही कैद रह गए। ईद पर नए कपड़े पहनने का रिवाज है, लेकिन इस बार लोगों ने पुराने कपड़ों में ही नमाज अदी की और कोरोना से मुक्ति की दुआ मांगी। खैराटीकर ईदगाह के इमाम मौलाना मंजूर साहब ने सभी को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि इस्लाम में दो त्योहार सबसे अहम है। एक ईद-उल-फितर और दूसरे ईद-उल-अज़हा। ईद-उल-फितर रमजान के रोजे की खुशी में मनाते हैं। सभी लोग लॉक डाउन का पालन करें। दूर से ही लोगों को ईद की मुबारकबाद दें। न किसी से हाथ मिलाएं और न ही किसी से गले मिलें। सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने घर में नमाज़ अदा की और सभी को ईद की मुबारकबाद पेश की।
वहीं हनवारा थाना प्रभारी दीपक कुमार सिंहा के द्वारा क्षेत्र में दल बल के साथ लगातार भ्रमण करते हुए देखा गया।साथ ही लोगो को ईद की शुभकामनाएं देते हुए ,अपील करते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि आपसी प्रेम, भाईचारगी की त्यौहार ईद पर सभी लोग अपने घर में नमाज अदा करें।कहीं भीड़ न लगाएं।लॉक डाउन का पालन करें।