पाकुड़ : जिला मुख्यालय के डी ए वी पब्लिक स्कूल में लगभग 22 वर्ष से कार्यरत प्राचार्य डॉ विजय कुमार के स्थानांतरण पर मंगलवार को विद्यालय प्रांगण में उनके सम्मान में एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय में वैदिक हवन का आयोजन किया गया जिसमें प्राचार्य डॉ विजय कुमार एवं विद्यालय के अन्य शिक्षक गण शामील हुए। हवन के बाद विद्यालय के सभा भवन में विदाई कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ कुमार ने आँखे नम करते हुए बताया कि पाकुड़ के अभिभावकों एवं शिक्षकों से मुझे अगाध प्रेम मिला है। यहाँ के लोगों का विद्यालय के प्रति सकारात्मक लगाव को कभी भुलाया नही जा सकता। मैं कामना करता हूं कि यह विद्यालय एवं यहां के बच्चों का चैमुखी विकास हो। अपने संबोधन में प्रभारी प्राचार्य आशीष कुमार मंडल ने बताया कि प्राचार्य डॉ कुमार ने इस विद्यालय को 22 वर्षों से अपने खून एवं पसीने से सींचा है। शिक्षा जगत में इनकी विशेष पहचान है। विद्यालय एवं यहाँ के बच्चों के विकास में इनके अमूल्य योगदान को कभी भी भुलाया नही जा सकता है। विद्यालय के भब्य इमारत के नीव की आधारशिला इन्होंने रखी एवं भवन निर्माण पश्चात झारखंड के महामहिम राज्यपाल वेद प्रकाश मारवाह के कर कमलों द्वारा विद्यालय का उदघाटन सम्पन्न करवाया। उनके लंबे कार्यकाल में विद्यालय के सैकड़ों बच्चों का चयन मेडिकल, प्रशासनिक सेवा, मैनेजमेंट, इंजिनीरिंग एवं अन्य क्षेत्रों में हुआ। उनके सही मार्गदर्शन से सैकड़ों छात्रों ने अपना कैरियर बनाकर देश विदेश में ख्याति प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रभारी प्राचार्य आशीष कुमार मंडल एवं अन्य शिक्षकों द्वारा उन्हें पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। मौके पर सभी शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी मौजूद थे। प्रभारी प्राचार्य ने अंत मे बताया कि हम सभी कर्मचारियों के लिए यह एक दुख भरा क्षण है क्योंकि आज के बाद प्राचार्य डॉ कुमार के साथ हम सभी मिलकर कभी कार्य नहीं कर पाएंगे। वे हमेशा विद्यालय के हित मे फैसला लेते रहे एवं खुद के कार्यों से कर्मचारियों को हमेशा कुछ बेहतर करने की प्रेरणा देते रहे। हम सभी उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुये सदैव उनकी सफलता की कामना करते हैं। उनके साथ बिताया गया प्रत्येक पल हमारे हृदय में संग्रहित रहेगा। समारोह में विद्यालय के एक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी राज कुमार साह भी सेवानिवृत्त हुए जो विद्यालय के स्थापना काल से ही इस विद्यालय में चालक के रूप में कार्यरत थे। प्राचार्य ने उसकी कार्यों की प्रशंसा की एवं उन्हें भी पुष्प गुच्छ एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया एवं उनके उत्तम स्वस्थ की कामना की।