– विधायक ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर किसानों की माली स्थिति से कराया अवगत
– धान अधिप्राप्ति के विरुद्ध 8 करोड़ 28 लाख रुपए किसानों का है बकाया
अभय पलिवार की रिपोर्ट
गोड्डा: भाजपा के स्थानीय विधायक अमित कुमार मंडल ने किसानों को धान का बकाया भुगतान नहीं होने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सूबे के कृषि मंत्री को पत्र लिखकर किसानों की माली स्थिति से अवगत कराते हुए जल्द बकाया भुगतान करवाने का अनुरोध किया है।
विधायक श्री मंडल ने कृषि मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि गोड्डा जिला समेत राज्य के अन्य जिलों में माह दिसंबर 2020 से किसानों का धान पैक्स, लैम्प्स एवं किसान उत्पादन संगठन (एफपीओ) आदि के माध्यम से धान अधिप्राप्ति क्रय किया गया। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि छह माह बीत जाने के बावजूद किसानों का बकाया राशि का भुगतान विभाग द्वारा नहीं किया गया है। जिस कारण गोड्डा जिले के किसानों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गोड्डा जिले में कुल रजिस्टर्ड किसानों की संख्या 5263 हैं। जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले के 1944 किसानों ने पैक्स, लैंप्स एवं एफपीओ के माध्यम से धान बिक्री किया । जिले को 7500 क्विंटल धान क्रय का लक्ष्य दिया गया था । इसके एवज में गोड्डा जिले के किसानों को 15 करोड़ 40 लाख 39 हजार 705 रुपये के बदले महज 7 करोड़ 12 लाख 79 हजार का ही भुगतान सरकार ने किया है। जबकि 6 माह बीत जाने के बाद भी अब तक 8 करोड़ 27 लाख 60 हजार 704 रुपए का भुगतान किसानों को नहीं किया गया है। परिणाम स्वरूप जिले के किसानों के समक्ष भुखमरी के साथ-साथ कर्ज की स्थिति उत्पन्न हो गई है। विधायक श्री मंडल ने अपने पत्र में लिखा है कि कई किसानों के समूह ने मिलकर बताया कि यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया तो उनलोगों के समक्ष आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा।
विधायक के अनुसार, 24 मई से किसानों के लिए रोहिणी नक्षत्र का आगमन हो रहा है। ऐसी परिस्थिति में यदि किसानों का बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया तो किसान अपना धान का बिछड़ा भी नहीं लगा पाएंगे।
विधायक ने कृषि मंत्री से आग्रह किया है कि किसानों के बकाया राशि का जल्द भुगतान करने हेतु त्वरित सर्वोच्च प्राथमिकता के तहत आदेश दिया जाए, ताकि किसानों की रक्षा की जा सके । साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि बकाया राशि का भुगतान नहीं होने की स्थिति में भारतीय जनता पार्टी किसानों के व्यापक लोकहित में चरणवद्ध तरीके से आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।