कामिल की रिपोर्ट
बसंतराय: प्रखंड मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक तालाब किनारे सफा होड़ के अनुयायियों ने मंगलवार को पूजा अर्चना की और तालाब में आस्था की डुबकी लगाई।जानकारी हो कि तालाब किनारे प्रत्येक वर्ष 14 अप्रैल को भव्य मेला का आयोजन होता है, जिसे विशुवा मेला के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के साथ सभी जाति, वर्ग के लोग सम्मलित होते हैं और तालाब में स्नान करते हैं।
इस तालाब का पौराणिक महत्व है। बताया जाता है कि तालाब में स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाता है। साथ ही मनोकामनाएं पूरी हो जाया करती है।
हालांकि राज्य सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए किसी भी धार्मिक आयोजन या मेला लगाने की अनुमति नहीं दी है। जिससे लोगों में काफी मायूसी है। बावजूद सफा होड़ के अनुयायी बड़ी संख्या में तालाब किनारे सोमवार देर रात से ही पहुंच रहे हैं, जो मंगलवार तक जारी है। हालांकि कोरोना संक्रमण सुदूर गांव में भी तेजी से पाव पसार रहा है। ऐसे में इस तरह के आयोजन से संक्रमण बढ़ने के खतरे से इंकार नही किया जा सकता है। स्थानीय बसंतराय प्रशासन के द्वारा धार्मिक आयोजनों पर पाबंदी लगाई जा रही है। बावजूद बसंतराय थाना से महज 50 मीटर की दूरी पर आदिवासी समुदाय के द्वारा बहुत बड़ी भीड़ लगाई जा रही है।जिसे प्रखंड प्रशासन के द्वारा नहीं हटाया जा सका है।