सुभाष कुमार सिंह
मयूरहंड (चतरा) मयूरहंड प्रखंड में संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। सर्वप्रथम योग्य लाभुकों के चयन में सरकारी दिशानिर्देश की अनदेखी करते हुए गंभीर अनियमितता बरती गई। लाभुकों के चयन में पंचायत सचिवों को खुली छूट दी गई। इससेे पंचायत कार्यकारिणी को अलग रखा गया,जिसके परिणामस्वरूप पंचायत सचिवों ने खुलकर अपनी मनमर्जी चलायी। ज्ञात हुआ है कि प्रखंड के पंचायत कदगावां कला के सचिव पुनीत दास द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी गड़बड़ी की गई है। पंचायत के ग्राम सिंदुआरी निवासी रामजीवन भुईयां पिता-गुलाबी को वर्ष 2011-12, में इंदिरा आवास मिला था, जिसकी यो.सं.-70/2011-12, है। इसआवास योजना को,13अगस्त 2016,को अंतिम भुगतान करने के साथ ही पूर्ण दिखला दिया गया। आवास की छत ढलाई नहीं की गई थी, एजवेस्टस सीट डाला हुआ था। जब पुनीत दास कदगावां कला पंचायत के सचिव बने तो रामजीवन भुईयां पिता-गुलाबी भुईयां को सामाजिक आर्थिक जनगणना संख्या-जेएच 1373896, यो.सं. जेएच- 17012/2/370, दिनांक, 20/6/2020, के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभुक बनाकर पूर्व में मिले इंदिरा आवास, की छत ढलाई करवाकर, योजना-राशि 125000, भुगतान करते हुए योजना पूर्ण दिखला दिया गया। लेकिन नियमत: आवास अब भी अधूरा है। दूसरा मामला, पंचायत के दुब्बी गांव का है। पिंकी देवी पति मनोज राम को सामाजिक आर्थिक जनगणना संख्या-जेएच 1920166, यो.सं. जेएच-17012/4/382, दिनांक 24/7/2020, द्वारा प्रधानमंत्री आवास दिया गया। पिंकी देवी सचिव पुनीत दास से मिलीभगत कर अपने पुराने आवास से सटाकर घर के पूरब में एक कमरे का दीवार खड़ा कर पुराने मकान से एजवेस्टस सीट उतारकर छत ढलाई कर दी।इसी पुराने मकान की छत ढलाई करवाकर, योजना राशि130000/रुपए भुगतान कर योजना पूर्ण दिखला दिया। तिसरा दिलचस्प मामला भी ग्राम दुब्बी से ही जुड़ा हुआ है। विनोद राम पिता अवध राम ग्राम दुब्बी,जो मनोज राम पिता अवध राम का छोटा भाई और पिंकी देवी का देवर है, उसे भी सामाजिक आर्थिक जनगणना संख्या-जेएच- 2684659, यो.सं.17012/4/458, दिनांक 15/10/2020, के माध्यम से पंचायत सचिव पुनीत दास द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभुक बनाया गया। पुनः सचिव पुनीत दास की कृपा से पिंकी देवी के पुराने मकान से सटे हुए जिस एक कमरे की दीवार खड़ा कर पुराने मकान की ढलाई कर पिंकी देवी का आवास पूर्ण दिखाया गया था,उसी तैयार किए गए एक कमरे को विनोद राम का प्रधानमंत्री आवास दिखलाकर प्रथम किस्त का40हजार रुपए भुगतान कर दिया गया, और दूसरे किस्त का भुगतान करने के लिए जियो टैग किया गया है। लेकिन आश्चर्य!दूसरे किस्त के भुगतान के पूर्व हीआवास की ढलाई हो गयी है। इस मामले के खुलासे के पूर्व विनोद राम का आवास कागज पर था। जब इसका खुलासा हुआ और समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ तो पिंकी देवी के पूर्ण दिखलाये गये पूरब भाग को विनोद राम का प्रधानमंत्री आवास दिखलाया जा रहा है। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी मयूरहंड को 17जून को लिखित आवेदन भी दिया गया है, लेकिन इस पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससेे स्वत: प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है और स्वंय सिद्ध होता है कि मयूरहंड प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना में लूट की खुली छूट है। ये गंभीर गड़बड़ी के मामले तो पड़ताल करने से प्रकाश में आये। ऐसे और कई अनगिनत मामले होंगे जिनका पड़ताल किया जाना बाकी है, खासतौर से पुनीत दास के कार्यकाल में निर्मित प्रधानमंत्री आवास योजना का।