महापुरुषों एवं पवित्र आत्माओं के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखता
रामगढ़।शहर के शिवाजी रोड स्थित गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा गुरुद्वारा साहिब में 26 जुलाई को सिख गुरु परंपरा के आठवें गुरु हरिक्रिशन जी का प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव जगजीत सिंह सोनी ने श्री गुरु हरिक्रिशन जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री गुरु हरिक्रिशन जी महाराज दसों गुरु में सबसे कम उम्र 5 साल के गुरु हुए है।उन्हें बाला प्रीतम के नाम से भी बुलाया जाता है। महापुरुषों एवं पवित्र आत्माओं के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखता। गुरुजी ने लगभग 3 साल के कार्यकाल में दिल्ली में फैली चेचक की महामारी से ग्रसित लोगों की समर्पित भाव से सेवा कर एक अनोखी मिसाल कायम की और अंत में सेवा करते हुए खुद भी उसी बीमारी की चपेट में आकर ब्रह्मलीन हो गए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध जत्था भाई देवेंद्र सिंह निरोल एवं हजूरी रागी जत्था भाई तीरथ सिंह जी ने मधुर गुरुवाणी का गायन कर साध संगतो को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान हजूरी रागी जत्था भाई द्वारा गाए गए गुरुवाणी श्री गुरु हरिक्रिशन धियाईये, जिस डिठे सब दुःख बायें….।। हे गोविंद, हे गोपाल, हे दयाल लाल….।। धन धन हमारे भाग, घर आया पि मेरा…..।। एवं आनंद भया बड़भागियों….।। इस दौरान विशेष दीवान सजाया गया। मौके पर गुरुद्वारा प्रधान रमिन्दर सिंह गांधी, रघुवीर सिंह छाबड़ा, इंद्रपाल सिंह सैनी, प्रीतम सिंह कालरा, मनपाल सिंह, गुरविंदर सिंह कालरा, सुरेंद्र सिंह होरा, परमिंदर सिंह जस्सल, देवेंद्र सिंह अरोड़ा, दौलत सिंह, हरभजन सिंह जस्सल, परमदीप सिंह कालरा, सुरजीत सिंह छाबड़ा, महेंद्र सिंह कालरा, कुलवीर सिंह, गुरप्रीत सिंह, डॉक्टर मनवीर कौर, रंजू अरोड़ा, लवली गांधी, महेंद्र कौर अरोडा, विजयलक्ष्मी कौर अरोडा, विमला जस्सल, जसमीत कौर सोनी, रंजीत कौर पवार, हरजीत कौर पवार, प्रलीन कोहली आदि मौजूद थे।