जर्जर आवास में रहने वाले कर्मियों का दहशत में गुजरती है दिन और रात
प्रतापपुर(चतरा)। विगत कई वर्षों से जर्जर प्रतापपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों का आवास कभी भी धराशाई हो सकता है। 22 जून के रात मूसलाधार बारिश से पहले से ही जर्जर आवास का एक बड़ा भाग ध्वस्त हो गया। इस घटना में आवास में रह रहे चार स्वास्थ्य कर्मी बाल-बाल बच गए। ज्ञात हो कि आवासों की स्थिति जर्जर होने के बाबजूद इस पर ना तो सरकार का ध्यान है और ना विभाग के सक्षम पदाधिकारियों का। रात्रि प्रहरी तथा कंप्यूटर ऑपरेटर ने बताया कि रात्रि हम सभी आवास से बाहर अपने कार्य पर थे। अचानक आवाज गिरने की जोरदार आवाज के बाद दौड़कर पहुंचे तो देखा जर्जर आशियाना गिर चुका था और उनका एक स्टाफ जो कंप्यूटर ऑपरेटर था वह अंदर सो रहा था। हालांकी उसे किसी प्रकार का नुकसान नही हुआ। इस आवास में रहने वाले कर्मियों ने बताया कि हम सभी ऐसे जर्जर आवास में दहशत भरे माहौल में रहते हैं। पता नहीं कब अनहोनी हो जाए। इतनी खराब स्थिति होने के बावजूद भी ऐसे आवासों में आज भी सभी कर्मी रहने को मजबूर हैं। समय रहते यदि जर्जर आवास से इन्हें हटाकर अन्य जगह पर नहीं किया गया तो भविष्य में किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।