विजय कुमार की रिपोर्ट
मेहरमा : स्थानीय थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार पर मेहरमा पुलिस द्वारा अंकुश लगाने के बजाय माफियाओं को खुली छूट दे दी गई है। माफिया के विरुद्ध कार्रवाई करने के बदले संरक्षण देने का काम किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप अवैध कारोबार बेतहाशा बढ रहा है।
बताते चलें कि मेहरमा थाना क्षेत्र के सभी सीमावर्ती गांव जैसे सिमानपुर दिग्घी, खंधार, ककरघट, सुखाडी़, देवनचक, भगैया, मेहदी पोखर समेत अन्य गांव के चिन्हित लकड़ी माफिया हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। लकड़ी माफिया प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर दिन के उजाले में धडल्ले से हरे भरे पेड़ों को बेदर्दी पूर्वक काट रहे हैं। जिस विभाग पर वन एवं पेड़ों की सुरक्षा का दायित्व है, वह विभाग भी सोया हुआ है। हरे भरे पेड़ों को बचाने के बदले वन विभाग पेड़ों की कटाई के प्रति मूक दर्शक बना हुआ है। वन विभाग एवं पुलिस प्रशासन की माफियाओं से साठगांठ के चलते उचित कार्रवाई नहीं हो रही है।
ताजा तस्वीर मंगलवार का मेहरमा थाना क्षेत्र के सीमावर्ती खंधार गांव का बताया जा रहा है। आए दिन यह रास्ता लकड़ी माफियाओं के लिए सेफ जोन बन गया है। इस तरह की तस्वीर दिन के उजाले में कभी भी देखी जा सकती है। लोगों का मानना है कि मेहरमा पुलिस सड़क पर हमेशा पत्थर लदे ट्रकों से नजराना की वसूली करने में व्यस्त रहती हैं। वहीं मेहदी पोखर गांव में अवैध रुप से संचालित दो आरा मील में पेड़ों की कटाई कर लकड़ी का बोटा वाहनों के सहारे पहुंचाया जाता है।