महागामा: अखिल भारती अंगिका साहित्य कला मंच के साहित्यकार सह पथरगामा महाविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विक्रमादित्य विहंगम के आकस्मिक निधान से अपूर्णनीय छती साहित्य के जगत में हुई है।
जिला अध्यक्ष डॉ राधेश्याम चौधरी ने कहा कि विहंगम जी कवि, साहित्यकार, ग़ज़ल कार भी थे। अंगिका साहित्य के क्षेत्र में काफी योगदान उनका रहा है।
साहित्य के क्षेत्र में शोक की लहर छा गई है। प्रदेश महासचिव डॉ प्रदीप प्रभात, डॉ कयूम अंसारी, महाकवि धनेश्वर पंडित, डॉ मनोज कुमार राही, डॉ ब्रह्मदेव कुमार, बिंदु कुमारी, नवीन ठाकुर संधि, ओम प्रकाश मंडल सभी ने उनकी आत्मा को शांति मिले 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दु:खद घड़ी में उनके परिवार को धैर्य बनाने की ईश्वर शक्ति प्रदान करें।