कोविड 19 के नियमों के अनुपालन के प्रति लापरवाह प्रखंड प्रशासन
चतरा। राज्य में भले हीं 3 जून तक कड़ी शर्तों के साथ मिनी लॉकडाउन जारी है। महीने भर से अधिक समय से जारी राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह में सरकार अब रियायत देने को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने लोगों से राय मांगी है, कि अनलॉक 1 की प्रक्रिया कैसे शुरू की जाए। लेकिन इटखोरी में सरकार द्वारा जारी प्रतिबंधों में ढील 3 दिन पूर्व से ही प्रखंड प्रशासन ने देना प्रारंभ कर दिया है। इसका प्रमाण है क्षेत्र में यात्री वाहनों का भेड बकरियों की तरह लोगों को लेकर सरपट दौड़ना और गैर प्रतिबंधित दुकानों के साथ प्रतिबंधित दुकानों का खुलना। यहां तक की देर रात का इटखोरी चैक में दुकानें खुली रहती हैं। यही नही 31 मई को जहां मुंडन संस्कार के मुहूर्त होने के कारण इटखोरी माता भद्रकाली मंदिर क्षेत्र में भारी संख्या में लोग विभिन्न संसाधनों से पहुंचे और मुंडन संस्कार कराया। कई मंदिर के मुख्य द्वारा पर ही पूजा अर्चना किया, तो कई ने विभिन्न देवालयों में जाकर पूजा किया। मंदिर क्षेत्र में मुंडन संस्कार का यह सिलसिला सुबह से दोपहर तक चला और जिम्मेवार सबकुछ जानते हुए अंजान बने रहे। वहीं 1 जून को भी लोग माता के दरबार में पूजा करने पहुंचे। हालांकी अधिकतर लोग मंदिर के मुख्य द्वारा पर ही पूजा अर्चना किया व प्रसाद भी चढ़ाए। ऐसे में ताजूब की बात है कि जब दुकाने बंद थे तो श्रद्धालु प्रसाद लाए कहां से। जबकी 21 मई को मंदिर क्षेत्र से बाहर सादे तौर पर विवाह करने पर पत्रकार आनंद कुमार शर्मा सहित 18 परिजनों के विरुद्ध बीडीओ विजय कुमार ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए चंद मिनटों में एफआईआर दर्ज करवा दिया था। लेकिन मंदिर क्षेत्र में उमड़ी भीड़ पर किसी प्रकार का संज्ञान नही ले रहे हैं। जबकी मंदिर प्रबंधन समिति के पदेन अध्यक्ष एसडीओ व सचिव सीओ होते हैं। इसके अलावे कई सक्रिय सदस्य हैं। ऐसे में स्वाल उठता है कि अखिर बीडीओ के नजर में 21 मई को ही कुछ समय के लिए प्रतिबंध था। जिसके जद में पत्रकार का विवाह आया। बीडीओ द्वारा पत्रकार के विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई की उपायुक्त से विभिन्न दलों के नेताओं ने जांच कराने की भी मांग की थी, लेकिन अब तक नाही किसी तरह की जांच कराई गई और ना ही इस मामले में अधिकारियों द्वारा संज्ञान ही लिया गया है।