कोडरमा : समाहरणालय सभा कक्ष में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता में बुधवार को एक बैठक आहूत की गयी। बैठक में उपायुक्त घोलप रमेश गोरख, पुलिस अधीक्षक डॉ. एम. तमिल वाणन, राज्य स्तरीय पदाधिकारियों एवं जिला पदाधिकारियों के साथ बच्चों के देख-भाल, बाल मजदूरी की रोक-थाम, बच्चों के अधिकार/संरक्षण को लेकर समीक्षा किया गया। इस दौरान राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो एवं उपायुक्त घोलप रमेश गोरख ने संयुक्त रुप से Survey on Education & Wellbeing of Children in Mica Mining Areas Of Jharkhand & Bihar बुकलेट का विमोचन किया। इस रिपोर्ट के माध्यम से एन.सी.पी.सी.आर अध्यक्ष ने बच्चों के उचित संरक्षण प्रदान हेतु प्रकाश डाला। उन्होंने कोडरमा जिले में अभ्रक खनन क्षेत्र में संल्पित बाल मजदूरों के संबंध में संरक्षण प्रदान करने हेतु चर्चा किया। उन्होंने खनन क्षेत्र में जो बच्चें संलिप्त हैं अथवा जिन भेंडर के द्वारा कार्य कराया जा रहा है, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया। उन्होंने माइका खनन से संबंधित व्यवसायीगण एवं आयात-निर्यात के संबंध में चर्चा की गयी। साथ ही व्यवसायियों से अपील करते हुए कहा कि ढिबरा चुनने वाले लोगों को ढिबरा का उचित मूल्य दें ताकि वे अपना-जीवन यापन कर सकें तथा बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें। उन्होंने शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि जो बच्चे ड्रॉप-आउट हो रहे हैं, उसमें गहन चिंतन करें और उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने का निर्देश दिया। शिक्षा विभाग के द्वारा बताया गया कि स्कूलों में बच्चों को नियमित रुप से सभी सुविधाएं दी जा रही है। बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरुक करने के लिए प्रयास कार्यक्रम चलाया जा रहा हैं, प्रयास कार्यक्रम के तहत् बच्चों का ग्रुप बनाकर अनुपस्थिति रोकने का प्रयास किया जाता है। इस क्रम में बाल-संसद बच्चों के घर जाकर बच्चे एवं अभिभावक से मिलते है ताकि उन्हें गुणवता पूर्ण शिक्षा के प्रति जागरुक कर सके। साथ ही सभी ड्रॉप-आउट बच्चे या जो बच्चे स्कूल नहीं आते हैं लगातार उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। बच्चों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सुनिश्चित करने हेतु ज्ञानसेतु कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में एनजीओ कार्यरत हैं, उनका मेपिंग कर उनका सहयोग लें ताकि विद्यालय में बच्चों की उपस्थित शत-प्रतिशत करना सुनिश्चित हो सके। आरएसटीसी के तहत एक महीने के अंदर 25 केंद्र खोलने का भी निदेश दिया गया। निदेशक, समाज कल्याण, झारखंड के द्वारा बताया गया कि किशोरियों को आत्मनिर्भर बनने एवं उनमें कौशल विकास के लिए तेजस्विनी योजना लागू की जा रही है ताकि वे अपने भविष्य में आत्म निर्भरता बनकर काम कर सके। उन्होंने बताया कि 14 से 16 वर्ष की किशोरियों को कौशल विकास के लिए कई कार्यक्रम किये जा रहे हैं। पोषण अभियान के तहत बच्चों में पोषण को लेकर कई कार्य किये जा रहे हैं। पोषण अभियान के तहत छहः महीने के बाद भी बच्चें को मां की दूध को महत्व को जानकारी दी जा रही है। साथ ही महिलाओं एवं किशोरियों को पोषण अभियान के तहत जागरुक भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों को पोषण सखी द्वारा चिन्हित कर कुपोषण उपचार केंद्र भेजा जा रहा हैं ताकि उनका बेहतर उपचार हो सके। सिविल सर्जन पार्वति कुमारी नाग ने भी कुपोषित बच्चों को बेहतर इलाज की सुविधा को लेकर जानकारी दी। एन.सी.पी.सी.आर अध्यक्ष ने खनन समीक्षा करते हुए कहा कि हमें बाल मजदूरी रोक-थाम रोकने के लिए भी काम करना चाहिए। उन्होंने उपस्थित सभी पदाधिकारियों से बाल मजदूरी को रोकने को लेकर आपस में समन्वय स्थापित कर काम करने की अपील किया। इस मौके पर निदेशक, प्राथमिक शिक्षा झारखंड, निदेशक समाज कल्याण झारखंड, उप श्रमायुक्त हजारीबाग, उप निदेशक खान, हजारीबाग, उपायुक्त घोलप रमेश गोरख, पुलिस अधीक्षक डॉ. एम. तमिल वाणन, उप विकास आयुक्त आलोक त्रिवेदी, अपर समाहर्ता अनिल तिर्की, डीआरडीए निदेशक अनुज प्रसाद, अनुमंडल पदाधिकारी विजय वर्मा, जिला शिक्षा अधीक्षक नवल किशोर, जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनारायण साह, सिविल सर्जन पार्वती कुमारी नाग, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शफिक आलम, कार्यपालक दण्डाधिकारी नरेश कुमार रजक, जिला खनन पदाधिकारी मिहिर सलकर, सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि, माइक विक्रेता समेत अन्य मौजूद थे। जलशक्ति अभियान के तहत राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा कोडरमा समाहरणालय परिसर में पौधारोपण किया गया। इस मौके पर उपायुक्त घोलप रमेश गोरख, पुलिस अधीक्षक डॉ. एम. तमिलवाणन, उप विकास आयुक्त आलोक त्रिवेदी, अपर समाहर्ता अनिल तिर्की आदि मौजूद थे।