रामगोपाल जेना
चाईबासा : एक तरफ लॉकडाउन की वजह से रोजगार नहीं मिल रहा है , वहीं दूसरी तरफ मनरेगा में कार्यरत मजदूरों को मजदूरी नहीं दी जा रही है । इससे मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । दो माह से मनरेगा मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली है । प०सिंहभूम जिले के प्रत्येक प्रखंड में 60 से 70 लाख रुपए मजदूरों की मजदूरी का बकाया है । पूरे जिले लगभग 9 करोड़ रुपए का बकाया है । जिसपर सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगिर आलम को पत्र प्रेषित कर मनरेगा मजदूरों का बकाया मजदूरी भुकतान हेतु यथाशीघ्र उचित पहल करने की बात कही है जिसकी प्रतिलिपि प०सिंहभूम जिले के उपायुक्त को भी प्रेषित किया गया है ।
पत्र में सांसद गीता कोड़ा में कहा कि वर्तमान कोविड – 19 महामारी के वक्त ग्रामीणों के पास रोजगार का कोई साधन नहीं है , ऐसे में मनरेगा ही आम व्यक्तियों के लिए रोजगार के रुप में सहारा है , परंतु मनरेगा मजदूरों को पिछले कई महीनों से मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है जैसे नोवामुंडी प्रखंड के करम्पदा में बागवानी मिशन और मनोहरपुर प्रखंड के छोटानागरा पंचायत अंतर्गत ग्राम जोजोगुटु , बहदा , तितलीघाट , सोनापी में बागवानी मिशन , नाली खुदाई , पुलिया निर्माण , पौधों में पानी पटाई कार्य में मजदूरों को भुगतान नहीं हो पाया है । ऐसा केवल कुछेक जगह की बात नहीं है , अपितु पुरे प०सिंहभूम जिले में लगभग 9 करोड़ रुपए मनरेगा मजदूरों का बकाया है । ऐसे में मजदूरों के सामने आर्थिक संकट आ गया है ।