पाकुड़िया : पाकुड़िया प्रखंड स्थित दुर्गा मंदिर में नवरात्रि का तीसरा पूजा हुआ प्रारंभ आश्विन मास के शुक्ल पक्ष में नवरात्रि की शुरुआती हो गई है और शनिवार यानि 9 अक्टूबर को तीसरा नवरात्रि का पूजा प्रारंभ हो गई. आज के दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा को राक्षसों का वध करने वाली देवी कहा जाता है. मान्यता है कि मां दुर्गा के चौथे रूप मां चंद्रघंटा के माथे पर घंटे के आकार की अर्धचंद्र सुशोभित है और इसलिए इन्हें मां चंद्रघंटा के नाम से पूजा जाता है. मां चंद्रघंटा सिंह पर विराजमान हैं और इनके दस हाथ हैं. कहा जाता है कि मां चंद्रघंटा की भक्तिभाव से पूजा करने से मां खुश होकर अपनी कृपा बरसाती हैं। विद्वान पंडित अरुण कुमार झा ने बताया मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व । हिंदू शास्त्रों के अनुसार मां चंद्रघंटा के दस हाथ हैं. इनके चार हाथों में कमल का फूल, धनुष, माला और तीर हैं. पांचवें हाथ में अभय मुद्रा है. जबकि अन्य चार हाथों में त्रिशूल, गदा, कमंडल और तलवार है. दसवां हाथ वरद मुद्रा में रहता है. मां चंद्राघंटा भक्तों का कल्याण करती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. दुर्गा मंदिर परिसर में कोविड-19 का खास ख्याल रखा जा रहा है। साथ ही पूजा के दृष्टिकोण से मनचले नवयुवक को काबू में रखने हेतु पुलिस प्रशासन भी चौकस दिखी ।