दुलमी: दुलमी प्रखण्ड क्षेत्र में शुक्रवार को मोहर्रम का त्यौहार सादगी एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने परंपरागत रूप से अपने-अपने इमामबाड़े में फातिहा खानी की और नारे हुसैन के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। वही त्यौहार को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन भी काफी मुस्तैद दिखे। जिला प्रशासन द्वारा जगह-जगह मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई थी। वही रजरप्पा पुलिस क्षेत्र में लगातार भ्रमण करती दिखाई पड़ी। कोविड-19 के गाइडलाइन के मद्देनजर क्षेत्र में कहीं भी जुलूस नहीं निकाला गया। आठवीं नवीं और दसवीं मुहर्रम के अवसर पर स्थानीय इमामबाड़ा में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा परंपरागत रूप से फातिहा ख़्वानी का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। आज शाम को यौमे आशूरा होने के कारण दसवीं मोहर्रम का फातिहा कर्बला में कराने के साथ ही त्यौहार का समापन किया गया। इस संबंध में जामसिंग में प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट रमेश कश्यप ने बताया कि पूरे प्रखंड क्षेत्र में शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण में मोहर्रम का त्यौहार संपन्न हो गया। कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। वहीं दूसरी तरफ जामसिंघ जामा मस्जिद में कूल शरीफ का आयोजन किया गया। जिसमें जिक्रे शहादत हुसैन और अन्य कर्बला के शहीदों को बेहतरीन शहीदी कलाम से खिराज ए अकीदत पेश किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में केराप शरीफ औरंगाबाद के हाशमी मियां ने शिरकत की। मौके पर ताईद अंसारी, वलीउल्लाह, अख्तर अंसारी, मास्टर सनाउल्लाह, कमालुद्दीन अंसारी सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।