खूंटी: भारतीय महिला हॉकी टीम के टोक्यो ओलिंपिक खेल में क्वार्टर फाइनल मैच में ऐतिहासिक प्रदर्शन से जिले का हेसेल गांव भी बेहद खुश है… क्योंकि गांव की बेटी निक्की प्रधान भी टोक्यो में अपने खेल का प्रदर्शन कर रही है। सोमवार तड़के जब भारतीय महिला टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना ऐतिहासिक प्रदर्शन करने मैदान में उतरी तो निक्की प्रधान के पिता सोमा प्रधान और माँ जीतन देवी भी मैच देखने के लिए टीवी से चिपके रहे। मैच में मिली जीत और 1980 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंची भारतीय टीम के प्रदर्शन से निक्की के पिता सोमा प्रधान बेहद खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन से वह बेहद खुश है और अब उन्हें भारतीय टीम के गोल्ड जीतने का इंतजार है क्योंकि जिस तरह का खेल आज भारतीय महिला टीम ने दिखाया है उससे टीम के अब गोल्ड जीतने की संभावना ज्यादा नजर आ रही है। भारतीय टीम ने अपने से कहीं ऊँचे रैंकिंग वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को मात दी है जो अब तक टूर्नामेंट में अपराजेय थी। इस क्वार्टर फाइनल मुकाबले से पहले ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लीग मुकाबले में अपने सभी मैच जीती थी। ऐसे में आज का प्रदर्शन महिला हॉकी को नए दौर में ले जाएगा। वहीँ माँ जीतन देवी ने स्थानीय भाषा में बताया कि वह अपनी बेटी की सफलता को लेकर लगातार भगवान से प्रार्थना कर रही थी और भगवान् ने उनकी सुन ली। अब आगे भी भगवान् उनकी बात सुनेगा और भारतीय टीम सेमीफाइनल और फ़ाइनल मुकाबला जीतेगी। भारतीय महिला टीम के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से निक्की प्रधान के प्रारंभिक कोच दशरथ महतो ने भी भारतीय टीम को बधाई देते हुए कहा कि भारतीय महिला हॉकी अब अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में प्रवेश कर चुकी है। आज के परिणाम से पूरी दुनिया को भारतीय टीम ने चौंकाया है क्योंकि जिस तरह के फॉर्म में ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम थी उसमें किसी को भी भारत की जीतने की संभावना नजर नहीं आ रही थी लेकिन इसे झुठलाते हुए भारतीय महिला खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को मात दी है और अब 1980 के बाद पहली बार भारत ओलिंपिक में सेमीफाइनल मैच खेलेगा।