सरायकेला से भाग्य सागर सिंह की रिपोर्ट
सरायकेला। सरायकेला प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय हातिया में कार्यरत पारा शिक्षक मथुरा महतो की मौत सड़क दुर्घटना के बाद इलाज के क्रम में हो गई। मंगलवार देर शाम घटी उक्त सड़क दुर्घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि कदमडीहा गांव निवासी मृतक मथुरा महतो सरायकेला से वापस अपने गांव अपनी बाइक से जा रहे थे। इसी दौरान पांड्रा गांव के समीप बाइक के स्किड कर जाने से सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जिसके बाद स्थानीय लोगों के सहयोग से एंबुलेंस द्वारा मथुरा महतो को सरायकेला सदर अस्पताल लाया गया। जहां इलाज के दौरान बुधवार की तड़के प्रात: उनका निधन हो गया। चिकित्सकों द्वारा उनके मौत का कारण गंभीर रूप से हेड इंज्युरी बताई गई है। हालांकि बिना पोस्टमार्टम किए मृतक मथुरा महतो के शव को उनके परिजनों को सौंपते हुए एंबुलेंस द्वारा उनके गांव कदमडीहा ले जाया गया। और इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस प्रशासन तक को भी नहीं रही।
मथुरा महतो के शव के कदमडीहा गांव पहुंचते ही गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगने लगा। इस अवसर पर मौत की घटना की सूचना मिलते ही एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के कोल्हान प्रमंडल अध्यक्ष संजय मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष ब्रजेंद्र सिंहदेव, प्रखंड कोषाध्यक्ष सुरेश महतो, प्रकाश महतो, रयबु नाथ, सनत दास, हेमंत महतो, शंकर महतो, घनश्याम महतो, दीनबंधु पूर्ति, राकेश महतो, दीनबंधु नायक, दशरथ महतो, सुशांत सरदार, निराकर महतो, सविता पंडा, लतिका महतो, सुनंदा कुमारी, संजू महतो, दिलीप गोराई एवं करमी महतो ने उनके आवास पहुंचकर अंतिम दर्शन किए। और उनके परिवार से मिलते हुए गहरी संवेदना व्यक्त कर हर संभव सहयोग करने का ढांढस बंधाया। मौके पर घटना को लेकर गहरा दुख प्रकट करते हुए कहा कि सरकार की नीतियों के कारण आए दिन विभिन्न कारणों से पारा शिक्षक काल के गाल में समा रहे हैं। 10 वर्षों से अधिक समय तक सेवा दिए जाने के बाद भी किसी भी प्रकार का सरकारी लाभ नहीं मिलने के कारण ऐसे मृत पारा शिक्षकों के परिवार बेसहारा हो रहे हैं।
बताते चलें कि मृतक मथुरा महतो के पीछे उनकी पत्नी कमला महतो और छोटे छोटे उनके दो पुत्री और एक पुत्र रह गए हैं।