गोड्डा: भगवान विष्णु के छठे अवतार, पितृभक्त भगवान श्री परशुराम और उनकी जीवनशैली सर्वकालिक प्रासंगिक है। उनकी जीवनशैली ही उनके विचार हैं जो उनकी तरह ही अजर – अमर और समाज के लिए सर्वथा अनुकरणीय है। एक हाथ में शस्त्र और दूजे हाथ में शास्त्र की उनकी प्रचलित छवि समाज को यही अकाट्य सन्देश देती है कि अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष के लिए शस्त्र जितना जरूरी है उतनी ही जरूरी शास्त्र अर्थात ज्ञान है। कहने का तात्पर्य यह कि शास्त्रीय संघर्ष से ही हम तमाम प्रकार की बुरी शक्तियों और बुराइयों को परास्त कर सकते हैं। उक्त आशय की अभिव्यक्ति लोकमंच सचिव सर्वजीत झा “अन्तेवासी” ने शुक्रवार को नेताजी नगर स्थित अपने आवास “मदन निवास” पर लोकमंच के बैनर तले आयोजित श्री परशुराम जयंती पुष्पांजलि कार्यक्रम के दौरान कही। लॉक डाउन गाइडलाइंस को देखते हुए परिवार जनों के ही बीच बहुत सीमित उपस्थिति में किये गए कार्यक्रम में श्री परशुराम जी के प्रबल अनुयायियों में शामिल समाजसेवी सुरजीत झा, विनय कुमार ठाकुर, उदयकांत शुक्ला, नूतन झा, सुनील कुमार झा, ज्योति चौधरी, कुणाल शुक्ला, गौरव शुक्ला, नीतीश आनंद एवं नुपूर नंदिनी शामिल हुए। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सुरजीत झा ने श्री परशुराम जयंती के साथ-साथ अक्षय तृतीया और ईद की शुभकामनाएं दी और कोरोना काल में प्रत्येक समारोह, पर्व, त्यौहार व जयंती घर में ही सिर्फ अपने घर-परिवार के सदस्यों के साथ पूरी सावधानी बरतते हुए मनाने की अपील की।