खूंटी: खूंटी पुलिस के लिए शनिवार का दिन खास रहा। शनिचर (शनिवार) से पहले ही शनिचर सुरिन उर्फ चरका को खुंटी पुलिस ने किया खल्लास। शुक्रवार की देर रात खूंटी पुलिस ने पीएलएफआई के आतंक का पर्याय समझा जाने वाला जोनल कमांडर और 10 लाख के इनामी नक्सली को रनियां थाना क्षेत्र और चाईबासा के गुदड़ी थाना के सीमावर्ती इलाका बड़ा केसेल में मुठभेड़ में मार गिराया गया।
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से सर्च अभियान के बाद 2 पिस्टल, 2 मैगजीन, 22 गोलियां, 7 खोखा, एक वायरलेस सेट, 6 मोबाइल, एक सिम, 8 बाइक, 3 पिठू बैग, 2 पाउच, और पीएलएफआई के चन्दा रसीद, दस्तावेज, पर्चा और दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद किया। बता दें कि कई बार खुंटी चाईबासा पुलिस और नक्सलियों के बीच चली मुठभेड़ में शनिचर सुरिन उर्फ चरका बच निकलता था।
खूंटी एसपी आशुतोष शेखर ने रनियां थाना में प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि रनियां थाना क्षेत्र और चाईबासा के गुदड़ी थाना के सीमावर्ती इलाका में पीएलएफआई के हार्डकोर सदस्यों के भ्रमणशील होने की सूचना मिली थी। इसी सूचना के आधार पर तोरपा डीएसपी के नेतृत्व में खूंटी जिला बल
सैट टीम, सीआरपीएफ 94 बटालियन, जेजे एसटीएफ की संयुक्त टीम बनाकर खूंटी चाईबासा के बार्डर इलाके में जॉइंट ऑपेरशन चलाया गया। पुलिस के पहुंचते ही बड़ा केसेल इलाके में नक्सलियों द्वारा फायरिंग किया गया। खुंटी पुलिस की संयुक्त टीम ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की और लगभग आधे घण्टे तक दोनों ओर से फायरिंग चली। फायरिंग के बाद पूरे इलाके में सर्च अभियान चलाया गया। सर्च अभियान में पुलिस ने एक नक्सली का शव बरामद किया जिसकी पहचान 10 लाख के इनामी कुख्यात शनिचर सुरिन उर्फ चरका के रूप में कई गई।
खूंटी पुलिस के लिए शनिचर सुरिन को मार गिराना बड़ी उपलब्धि है। चूंकि जिदन गुड़िया के मारे जाने के बाद शनिचर पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के लिए फ्रंटलाइन कमांडर की भूमिका में सक्रिय था। जोनल कमांडर शनिचर सुरिन पर कुल 84 मामले अलग अलग थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं। सबसे ज्यादा चाईबासा जिले में 50 मामले, गुमला जिले में 2 मामले और खुंटी जिले में 32 मामले दर्ज हैं।
हत्या, रंगदारी, आगजनी, पुलिस पार्टी पर हमला समेत विभिन्न नक्सली घटनाओं में शनिचर सुरिन जोनल कमांडर की भूमिका में शामिल रहा। शनिचर सुरिन को जॉइंट आपरेशन में मार गिरना खूंटी पुलिस और झारखंड पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। पीएलएफआई का कुख्यात शनिचर सुरिन गुमला जिले के कामडारा अंतर्गत सरिता गांव का स्थायी निवासी था।
खूंटी जिले के मुरहु, तोरपा, रनियां, तपकरा थाना क्षेत्र में 2014-15 में दर्जनों मामलों में शामिल था। वहीं 2013 से 2021 तक बंदगांव थाना, सोनुवा, टेबो, गुदड़ी, टोकलो, चक्रधरपुर, कराईकेला और मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में कुल 50 मामलों में तथा गुमला के गृह थाना क्षेत्र कामडारा में भी कई कांडों को अंजाम दे चुका था।
खूंटी, चाईबासा समेत पूरे झारखण्ड पुलिस प्रशासन के लिए शनिचर सुरिन आतंक का पर्याय बन गया था। पीएलएफआई के कुख्यात जोनल कमांडर के खात्मे से पीएलएफआई के नक्सली गतिविधियों में कमी आएगी।