लिट्टीपाड़ा: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते शुक्रवार को क्रिश्चियन समाज द्वारा प्रभु यीशु का बलिदान दिवस गुड-फ्राइडे घरों में मनाया गया। प्रखंड के डहरलहंगी स्थित चर्च में सन्नाटा छाया रहा।चर्च के फादर अगेस्टीन मरांडी व जोवाकीम तिर्की ने बताया कि इस बार गुड फ्राइडे में चर्च में प्रार्थना सभा का आयोजन नहीं है।प्रसाशन के आदेश के अनुरूप चर्चो में भीड़ ना हो इसके लिए अपने अपने घर पर ही प्रभु यीशु के दुखभोग और बलिदान को याद किया। साथ ही कोरोना महामारी से मुक्ति दिलाए जाने के लिए भी विश्व शांति की प्रार्थना की गई। फादर ने बताया कि गुड फ्राइडे के दिन ही दुनिया को प्रेम और करुणा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु मसीह को उस समय के धार्मिक कट्टरपंथियों ने सूली पर लटका दिया था। यीशु ने लोगों के कल्याण के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।जिस दिन उन्हें सूली पर चढ़ाया गया था, वह दिन शुक्रवार था। इसके बाद प्रभु यीशु पुन: जीवित हो गए थे। इस दिन को ईस्टर संडे कहते हैं।