लोहरदगाः किशोर कुमार वर्मा ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कहा की आज कोरोना जैसी वैश्विक महामारी मे द्वितीय लहर मे लोग ऑक्सीजन के कारण तड़पते नजर आये ऐसा लगा की ईश्वर हमें पेड़ काटने की सजा दें रही है, चुंकि आज कोई भी विकास का काम होता है तो उसकी सजा पेड़ों को ही मिलती है और उस सजा का श्राप इंसानों को लगता है कोई भी रोड बन रहा हों तो उसमे प्रावधान रहता है की जितने पेड़ काटे जायेंगे उससे दुगनी पेड़ आवश्यक रूप से लगाए जाने चाहिए लेकिन इसका अनुपालन कभी नहीं किया जाता है और कहा ही जाता है की एक पेड़ सौ पुत्रों के सामान माना जाता है पेड़ हमेसा हमें कुछ न कुछ प्रदान करता ही है अपने पेड़ों मे फले फल को खाने के लिए कितने पत्थर की मार सहता है तो भी ख़ुशी ख़ुशी फल खाने को मनुष्य को देता है इसलिए पेड़ों से प्यार कीजिए और पर्यावरण के साथ विश्व को बचाने का काम जरूर करें कम से कम आज के दिन विश्व पर्यावरण दिवस के दिन पेड़ लगाइये और देखभाल जरूर करें !मेरे बागान मे आम का 30 पेड़ और नीम, बेल, बरगद, तुत, सरीफा, पपीता, सागवान, शीशम, केला, लीची, बाँस, मुनगा, अनार, कटहल इत्यादि के सैकड़ो पेड़ लगाए गए है और उसे सुरक्षित रख कर पर्यावरण को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है !