गुप्त सूचना पर पुलिस ने छापामारी कर किया गिरफ्तार
बसंत कुमार गुप्ता
गुमला : सिसई पुलिस ने अलग-अलग मामलों में तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया। जेल जाने वालों में भररनो तुरीअंबा गांव निवासी शत्रुघ्न कुजुर उर्फ़ पागला उर्फ अजय टाइगर, सिसई सैन्दा गांव निवासी सुखराम उरांव और सिसई बस्ती निवासी नासिर अंसारी उर्फ पादु अंसारी शामिल हैं। इस बाबत रविवार को डीएसपी मनीष चंद्र लाल ने सिसई थाना में प्रेस वार्ता कर बताया कि बीते 21 फरवरी 2021 को सैदा गांव निवासी सोमा उराँव को मारकर गम्भीर रूप से घायल करने और कैलाश उरांव की टांगी से काटकर हत्या कर दिया गया था।
इस घटना के अनुसंधान के क्रम में सैन्दा गांव निवासी सुखराम उराँव के कहने पर 20 हजार रुपये में सुखराम उराँव का साला भरनो तुरीअंबा निवासी शत्रुघ्न कुजूर उर्फ पगला उर्फ अजय टाइगर अपने दो दोस्त आताकोरा गांव निवासी सोमा उरांव और भरनो निवासी मनीष उराँव उर्फ मनसा से मिलकर छरदा और बघनी के बीच पतरा के समीप कैलाश उराँव की हत्या और सोमरा उराँव को मारकर गम्भीर रूप से घायल करने में संलिप्तता सामने आई।
जिसके बाद से चारों की तलाश पुलिस कर रही थी। शनिवार को गुप्त सूचना मिली थी की शत्रुध्न कुजूर घर आया हुआ है। सूचना के आधार पर शनिवार की रात शत्रुध्न को उसके घर से गिरफ्तार किया गया और उसकी निशानदेही में हत्या में प्रयुक्त टांगी को सोम उराँव के घर से बरामद कर लिया गया है। साथ ही कैलाश उराँव की हत्या के साजिश रचने के लिए सुखराम उराँव को उसके घर सैन्दा से उसी रात गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि कैलाश उराँव और सुखराम के पिता पुनाई उराँव के बीच लंबे समय से जमीन विवाद चल रहा था। पुनाई के एक पुत्र की मौत बीमारी से हो गया था। कैलाश ओझा गुणि का कार्य करता था और उसी के द्वारा जादू टोना कर बासुदेव को मारने का अंध विश्वास के कारण कैलाश की जान गई।
जांचपड़ताल में शत्रुघ्न उराँव के विरूद्ध कई चौकाने वाला जानकारी सामने आया। इसका आपराधिक इतिहास लंबी है। वंही मार्च 2019 में अफवाह के कारण सिसई बस्ती में हुए दंगे का आरोपी नासिर अंसारी उर्फ पादु को रविवार को उसके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।