गोड्डा: सूचना अधिकार कानून के मजबूत होने से ही भ्रष्टाचार रूकेगा। यह बात भारतीय सूचना अधिकार रक्षा मंच के बैनर तले गोड्डा शहीद स्तंभ परिसर में आयोजित सूचन अधिकार दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि संजीव टेकरीवाल ने कही।
उन्होंने कहा कि सूचना अधिकार कानून सरकारी तंत्र को पारदर्शी बनाने के लिए 12 अक्टूबर 2005 को कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने लागू किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत संविधान के प्रस्तावना पाठ से की गई ।कार्यक्रम संचालन करते हुए वरिष्ठ सूचना अधिकार कार्यकर्ता प्रदीप कुमार विद्यार्थी ने कहा कि सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं को डरने की नहीं, पढने और संगठित होकर लड़ने की जरूरत है।संविधान में सूचना अधिकार कार्यकर्ताओं के लिए ह्विसल ब्लोवर एक्ट के तहत जान-माल के सुरक्षा का प्रावधान है। वहीं सरकारी विभाग से सूचना मांगने के साथ-साथ सूचना अधिकार कानून 2005 के धारा 2(जे)1एवं 3 के तहत सरकारी फाइलों एवं निर्माण स्थलों के निरीक्षण तक का प्रावधान है। सूचना नहीं देने पर जनसूचना पदाधिकारी पर न्यूनतम 25000 आर्थिक दंड के साथ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर भी दर्ज कराए जाने का प्रावधान है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरटीआई रक्षा मंच के अध्यक्ष पवन कुमार तूरी और सचिव थानेश्वर पंडित ने कहा कि आरटीआई लगाने पर अगर किसी पदाधिकारी, ठेकेदार द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता को प्रताड़ित किया जाएगा तो मंच वैसे कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाने के लिए कानूनी लडाई लड़ेगी। मौके पर मौजूद सभी सदस्यों से सरकारी तंत्र को जिम्मेदार एवं पारदर्शी बनाने के लिए प्रत्येक माह कम से कम एक आरटीआई लगाने का संकल्प दिलाया गया।इस मौके पर प्रदीप पंडित, दिलखुश
साह, दिवाकर शर्मा, जमील अंसारी, लक्ष्मण महतो, उमेश महतो, कलीमुद्दीन अंसारी, नवल साह, अशोक कुमार साह, सुनील कुमार महतो, राजेश गुप्ता, संजय चौधरी, अनुज प्रभाकर, जयप्रकाश पंडित आदि मौजूद थे।