रामगोपाल जेना
चाईबासा: सदर प्रखंड अंतर्गत बादुड़ी गाँव की पंचायत भवन में कोल्हान हैल्पिंग हैंड और ग्रामीणों के सहयोग से जिले में एक और पुस्तकालय स्थापित किया गया। लाइब्रेरी का उदघाटन बतौर मुख्य अतिथि जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल के हाथों फीता काट कर किया गया।
यह पहला ऐसा मौका था जब कोई आईएएस अधिकारी लाइब्रेरी उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। इससे समुदाय के लोगों में काफी हर्ष व्याप्त है। यहाँ के ग्रामीणों ने पुस्तकालय उदघाटन समारोह में त्योहार-सा माहौल बना दिया।सभी ग्रामीण नए और पारम्परिक साड़ी और धोती में थे और पूरे गांव को दुल्हन की तरह सजाया था।
मुख्य अतिथि उपायुक्त को ग्रामीण महिला व पुरुषों ने आदिवासी रीति-रिवाज से स्वागत कर नृत्य करते हुए मंच तक ले गए। मौके पर भगवान बिरसा मुंडा और गाँधी जी की तस्वीर में माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी। उसके बाद उपायुक्त ने कैरम खेल की भी आनन्द लिया।
मौके पर उपायुक्त ने हो भाषा से सम्बोधित करते हुई कहा-साबिन हागा-मिसि को जोहार कहकर अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ग्रामीणों के लिए कई शिक्षाप्रेमी गांवों में लाइब्रेरी स्थापना का सुझाव देते हैं , लेकिन बादुड़ी गांव में जिले का पहला पंचायत है जहाँ के ग्रामीणों ने खुद हेल्पिंग हैंड संस्था के प्रकाश लागुरी संपर्क कर पुस्तकालय खोलने की आग्रह किया। इससे साफ जाहिर होता है कि बादुड़ी गांव के सभी ग्रामवासी कितने जागरूक हैं।लोगों का यह प्रयास काफी सराहनीय है।इस लाइब्रेरी को जितने उत्साह के साथ खोला है,उतने ही उत्साह के साथ आगे भी इसे चलायें। अगर किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या हो तो मुझसे जरूर संपर्क करें।
मुफस्सिल के थाना प्रभारी पवन चंद्र पाठक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस पुस्तकालय की सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी भी है,मैं भी इस पुस्तकालय के लिये किताबें भेंट स्वरूप दूँगा।
इसके अलावा विवेक भारती के विकास दोदराजका,तांतनगर के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी,अनंत कुमार और होरो जी ने पुस्तकालय के लिये काफी सारी पुस्तकें दान स्वरूप पुस्तकें दी।
बादुड़ी गांव में पुस्तकालय स्थापित करने का सोच को अमलीजामा पहनाने में साधु चरण देवगम, बीडीओ डुमरिया और लाइब्रेरी मैन संजय कच्छप का भी सराहनीय योगदान रहा। मंच का संचालन गुरुचरण कुदादा ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन अमीर राशिद ने किया।
मौके पर बादुड़ी के युवा समाजसेवी जिम्मी कुदादा,राजू कुदादा, बंगाली कुदादा, नारायण कुदादा, मधुसुदन कुदादा, ग्रामीण मुंडा अरधन कुदादा, महिला समूह के चांदु कुदादा,रानी सुंडी, इरशाद मास्टर समेत काफी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरुष,युवा एवं बच्चे उपस्थित थे।