गांधीनगर: एक तरफ मां हीराबा (Hiraba) पंचतत्व में विलीन हो रही थी और वहीं पर खडे पीएम मोदी (Pm Modi) हाथ बांधे निहार रहे थे। उनके अंदर भावनाओं का मानो ज्वार उबल रहा था।
मगर वह बेहद शांत दिखे। एक समय ऐसा भी देखने को मिला जब उनके बड़े भाई रोने लगे और छोटे भाई पीएम मोदी (Hiraba) ने उन्हें सहारा दिया। पीएम मोदी (Hiraba) ने एकबार कहा था की आज वे जहां भीा उसके पीछे उनकी मां हीराबा (Hiraba) और पिता का हाथ है।
कभी मां के कंधे पर खेलने वाले मोदी (Pm Modi) आज मां को कंधे पर उठाए मुक्तिधाम की ओर नंगे पग चल पड़े। कंधे पर लिए मां को उनके मन में मां के साथ गुजरी सभी यादें ताजा हो रही होंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अन्य पुत्रों सोमाभाई, प्रह्लाद और पंकजभाई ने मुखाग्नि दी।
एक बेटा जो अपने मां के कोख से जन्मा, हाथ धरकर चलना सीखा, आज उसी मां को पंचतत्व में विलीन होते भी देखा। और शायद मन ही मन में कह रहा होगा आखिर कहां चली गई मां……
इससे पूर्व शुक्रवार सुबह गांधीनगर स्थित रायसण क्षेत्र की सोसायटी से हीराबा (Hiraba) की अंतिम यात्रा निकली। अंतिम यात्रा सेक्टर 30 के मुक्तिधाम पहुंची। यहां हीराबा (Hiraba) का अंतिम संस्कार किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माता के निधन पर राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्र के लोगों ने गहरी संवेदना जाहिर की है। भाजपा ने शुक्रवार को अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। वहीं, राज्य में सरकारी आयोजनों पर भी शुक्रवार को विराम रहेगा।
हीराबा (Hiraba) की अंतिम यात्रा में गांधीनगर दक्षिण के भाजपा विधायक अल्पेश ठाकोर भी हाजिर रहे। वर्षों तक नरेन्द्र मोदी के करीबी रहे पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने भी हीराबा को श्रद्धांजलि दी। वे हीराबा (Hiraba) के अंतिम संस्कार के समय हाजिर रहे। इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी अंतिम संस्कार के समय हाजिर रहे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Pm Modi) के परिवार के अन्य सदस्यों ने हीराबा (Hiraba) की आत्मा की शांति के लिए लोगों से प्रार्थना करने की अपील की। ऐसी मुश्किल घड़ी में लोगों के उनके परिवार के प्रति आत्मीयता और संवेदना के लिए आभार प्रकट किया गया।
छोटे पुत्र पंकज के साथ Hiraba ने जीया सादगी का जीवन
घर पर आर्थिक संकट के दौर में हीराबा (Hiraba) ने दूसरे घरों में जूठे बर्तन भी मांजे। चरखा चलाने का भी उन्होंने काम किया। वे रुई कातने का भी काम करती रहीं।
संतान में उनके पांच पुत्र और एक पुत्री है। सबसे बड़े पुत्र सोमा मोदी, इसके बाद अमृत, नरेन्द्र, प्रहलाद और पंकज मोदी हैं। एक पुत्री का नाम वासंती है। बाद में जब बेटे अच्छी स्थिति में पहुंच गए तो भी वे छोटे पुत्र पंकज मोदी के साथ ही रहती। पंकज मोदी सूचना विभाग में सामान्य कर्मचारी थे।
उम्र अधिक होने के बाद भी वे अपनी दिनचर्या खुद ही करने की आग्रह रखती। वे अपने घर में बने भोजन को ही ग्रहण करती। ज्यादा समय वे खिचड़ी, दाल-भात, लापसी खाती, यह सभी उन्हें बहुत अच्छी लगती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब भी उनसे मिलने आते तो वे गुड़ और लापसी से उनका मुंह मीठा कराती। वे हीराबा (Hiraba) के साथ भोजन करते तो रोटी-सब्जी, दाल-भात और सलाद के साथ सादा भोजन करते।
पीएम Modi की मां Hiraba के निधन पर राहुल ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Pm Modi) की मां हीराबा (Hiraba) मोदी के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। खड़गे ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी (Pm Modi) की माता हीराबा (Hiraba) मोदी के निधन से वे बहुत दुखी हैं और संकट की घड़ी में परिजनों के साथ हैं।
वहीं राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माता, हीरा बा के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। इस मुश्किल समय में उन्हें और उनके परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं और प्यार व्यक्त करता हूं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी (Pm Modi) की माता हीराबा (Hiraba) मोदी का निधन हो गया। वे 100 वर्ष की थीं। उन्हें मंगलवार को सांस लेने में तकलीफ हुई थी, जिसके बाद अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था।