- मैग्नोलिया (Magnolia) की प्रेम कहानी अधूरी रह गई, इतने मौहत्तब के बाद भी नेतरहाट (netarhat) की मनोरम वादियों में गूम हो गई….
@ रंजीत पाण्डेय ( jharkhand latest news)
लातेहार: नेतरहाट (Netarhat) को ऐसे ही झारखंड की रानी (Jharkhand ki Rani) नहीं कहा जाता। इसके जर्रे जर्रे में खुशबु है मैग्नोलिया (Magnolia) और चरवाहे की प्रेम का ।
महक है प्रेम की। चमक है मनोरम वादियों की जिसेक कारण ही यह संपूर्ण झारखंड की रानी बनी। प्रेम जो अधूरी रह गई । जिसे प्रेम के दुश्मनों ने पूरा नहीं होने दिया। आप नेतरहाट के हसीन वादियों, पहाड़ों, बड़े बड़े पेड़ों, घने जंगलों और कई चीजों के बारे में पढ़ा या देखा होगा।
पर आज हम आपको नेतरहाट के एक अधूरी प्रेम कहानी (incomplete love story of Netarhat) सुनाने या बताने जा रहे हैं। यह कहानी नहीं बल्कि हकीकत है जैसा की स्थानीय बताते हैं। नेतरहाट जितना खूबसूरत है उसे देख कर कई लोग नेतरहाट की खूबसूरती और सुकून भरे पल अपने में समेटे वापस अपने घर को चले जाते हैं।
हर प्रेम करने वालों को हीर रानझे की तरह प्रसिद्धि नहीं मिलती, हर मुसाफिर को मंजिल नहीं, हर दुआं करने वालों की दुआ कबुल नहीं होती, हर साफ दिल वालों को जिंदगी नहीं मिलती…
पर बहुत पहले जब देश आजाद नहीं हुआ था तब एक अंग्रेज अफसर ऐसा भी था जो पहले नेतरहाट घूमने के लिए आया था पर शायद ही उसे यह अंदाजा भी नहीं होगा कि वह यहां की वादियां सूकुन भरा, चहूओंर पहाड़िया, ठंढी ठंढी चलती हवांए, चिड़ियों की चचहकने की आवाजें उसे इतना भा गया कि वह यहीं आकर रहने को मजबूर हो गया।
इतना ही नहीं नेतरहाट का वादियां अंग्रेजों के अनुकूल थे। आज हम उसी अंग्रेज अफसर की बेटी मैगनोलिया और एक चरवाहा की अधूरी प्रेम कहानी (Magnolia and Shepherd Unfinished Love story) के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए अब शुरू करते हैं।
Netarhat Sunset Point पर शुरू हुई थी magnolia और चरवाहा की प्रेम गाथा
मैग्नोलिया और चरवाहा की प्रेम की कहानी (magnolia and shepherd love story ) का आगाज कैसे हुआ उसकी बात करते हैं। नेतरहाट की मिट्टी में जहां सुकून है वहीं यहां के संतानों में भी उस समय अलग ही बात थी।
एक चरवाहा जो अपने बासुंरी पर इंसान ही नहीं पशुओं को भी थिरकने पर मजबूर कर देता था। वह रोजाना अपने पशुओं को लेकर नेतरहाट के सुर्यास्त स्थल पर पहुंच जाता और वहीं बैठ कर अपने बांसुरी से मन को मंत्रमूग्ध कर देने वाले धून निकालना शुरू कर देता था।
वहीं दूसरी ओर अंग्रेज अफसर भी अपना पूरा परिवार के साथ नेतरहाट रहने लगा था। हर रोज मैग्नोलिया (magnolia) को चरवाहा (shepherd) के बासुंरी के संगीत सुनाई देने लगी। एक दिन मैग्नोलिया उस स्थान पर पहुंच गई जहां बैठकर चरवाहा (shepherd) अपने आंसूरी बजाया करता था।
अब रोज मैग्नोलिया (magnolia) चरवाहे की बांसुरी के धून सुनने के लिए नेतरहाट के सुर्यास्त स्थल पर पहुंच जाती। यह सिलसिल कुछ दिनों बाद प्रेम का रूप ले लिया। अब दोनो साथ बैठकर बांसुरी के मधूर धून पर खो जाते थे। धीरे धीरे मैग्नोलिया और चरवाहा की प्रेम गाथा (magnolia and shepherd love story ) प्रवान चढ़ने लगी और रोजाना ये दोनेा एक दूसरे से मिलने लगे, जिसकी खबर उसके पिता को लग गई।
बांसुरी के मधुर स्वर बना magnolia और Shepherd की प्यार का आधार
प्रेम में अद्भुत शक्ति है। प्रेम के बिना यह संसार अधूरा है। प्यार का जितना भी वर्णन किया जाए या कम ही है।
प्यार में जहां शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में विश्व का सातवें अजूबे में ताजमहल का निर्माण करवा दिया। वही आपने और भी कई कहानियां सुनी होंगी।
नेतरहाट के स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है कि चरवाहा (Shepherd) रोजाना अपने पशुओं को लेकर नेतरहाट के सनसेट प्वाइंट पर पहुंच कर बैठ जाता था और अपना बांसुरी लेकर मधुर स्वर में बजाना शुरू कर देता था। उसके मधुर बांसुरी के स्वर (melodious flute) से मंत्रमुग्ध होकर अंग्रेज ऑफिसर की बेटी मैग्नोलिया चरवाहा की ओर खींची चली आई। दोनों में धीरे धीरे प्रेम (Love) पनपने लगा।
दोनों के बीच प्यार लगातार प्रगाढ़ होता चला गया। धीरे-धीरे इस बात की सूचना अंग्रेज अफसर को चला।
अंग्रेज अफसर ने Shepherd की करवा दी हत्या
लोग बताते हैं कि मैग्नोलिया (Magnolia) और चरवाहा (Shepherd) की प्रेम इस कदर प्रगाढ़ हो गया की प्रतिदिन वह एक दूसरे से मिलने लगे।
मैग्नोलिया प्रतिदिन चरवाहे से मिलने के लिए अपने घर से चुपचाप निकल जाती थी। सनसेट प्वाइंट पर जाकर चरवाहा के साथ बैठकर मधुर बांसुरी का आनंद उठाती। जब इस बात की जानकारी पिता अंग्रेज अफसर को लगा, तो वह आग बबुला हो गया और उसने पहले तो चरवाहा से कहा कि वह उसकी बेटी मैग्नोलिया से ना मिले। पर प्रेम का संबंध इतना प्रगाढ़ हो चुका था कि चरवाहा ने अंग्रेज की बात मानने से इंकार कर दिया। जिसके बाद अंग्रेज को गुस्सा आ और उसने अपने जवानों से कहकर उसकी जीवल लीलाा को ही समाप्त करवा दिया।
Magnolia ने Netarhat के सूर्यास्त स्थल से कूद दे दी अपनी जान
स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर वह बताते हैं की उनके पिता दादाओं ने मैग्नोलिया (Magnolia) की कहानी बताते हुए रो पड़ते थे।
वे कहते थे कि चरवाहे (Shepherd) की मौत के बाद भी कई दिनों तक मैग्नोलिया (Magnolia) अपने प्रेमी (Shepherd) से मिलने के लिए नेतरहाट के सुर्यास्त स्थल पर पहुंच जाती थी और चरवाहे की प्रतीक्षा करते रहती थी, कई दिनों तक चरवाहा को उक्त स्थान पर नहीं दिखने पर वह चरवाहा की खोजबीन शुरू की और तब जाकर उसे पता चला की उसके पिता ने ही चरवाहा को मरवा दिया है।
इसके बाद मैग्नोलिया (Magnolia) स्तब्ध रह गई और उसने भी यह निश्चय कर लिया की वह भी जीवित नहीं रहेगी। फिर एक दिन ऐसा आया जब मैग्नोलिया ने अपने चहेते घोड़े पर सवार होकर नेतरहाट के सुर्यास्त स्थल (Netarhat sunset Point) से हजारों फीट खाई में कूद कर अपनी जीवन को समाप्त कर ली। इसी के साथ मैग्नोलिया की प्रेम कहानी अधूरी रह गई ।
जिसके बाद अब इस स्थान को मैग्नोलिया प्वांइट (Magnolia Point) के नाम से जाना जाने लगा।