सरायकेला से भाग्य सागर सिंह की रिपोर्ट
सरायकेला। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत शुक्रवार को सरायकेला में शिविर आयोजित कर चयनित लाभुकों में परिसम्पत्ति वितरण किया गया। उक्त कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित मंत्री चम्पई सोरेन ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे राज्य के अधिसंख्य लोग क़ृषि तथा पशुपालन पर निर्भर रहते हैं। राज्य सरकार आमजनों की आमदनी बढ़ा कर उन्हें पूर्ण रूप से सशक्त करने के प्रयास मे है। इसी उदेश्य को लेकर विभिन्न योजनाओं का संचालन भी किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत किसान पशु या लोन ले कर अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा सरकार लोगों की सामाजिक व्यवस्था मे सुधार लाने एवं समाज के गरीब तबके तक पहुंच बनाते हुए उनकी आवश्यकताओं के अनुसार योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने आम जनों से ऐसे जनकल्याण की योजनाओं से जुड़ कर लाभान्वित होने के साथ ही आस पास के लोगों को भी ऐसी योजनाओं के प्रति जानकारी देकर जागरूक करने की अपील की। उन्होंने बताया सरकार हमारे राज्य की कला एवं संस्कृति को बचाये रखने का भी निरंतर प्रयास कर रही है। कोरोना महामारी से सुरक्षित रहने हेतु मास्क का उपयोग, शारीरिक दुरी का अनुपालन तथा समय आने पर टीका लगवाने की आम जनों से अपील की। उन्होंने कहा राज्य सरकार सभी बेरोजगारों को स्वावलम्बी बनाने एवं बेहतर शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधा के लिए सदैव तत्पर है।ताकि कोई भी युवा शिक्षा या स्वास्थ्य सुविधा से बंचित न हो। उन्होंने सभी लाभुकों को शुभकामना देते हुए योजना अंतर्गत प्राप्त परिसम्पत्ति के सही इस्तेमाल कर जिंदगी को बेहतर बनाने की अपील की।
इससे पूर्व उपायुक्त अरवा राजकमल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पशुधन योजना की जानकारी साझा करते हुए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से जुड़ने हेतु अपील किया। उपायुक्त ने कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित योजनों से वंचित लाभुकों के बारे मे भी जानकारी साझा की एवं सरकार की योजनाओं द्वारा लक्ष्य पूर्ण करने की भी बात कही।
इस अवसर पर 28 लाभार्थियों के मध्य बकरी, 10 लाभुकों के मध्य सूकर, रोजगार सृजन योजना के तहत 11 लोगो के मध्य 25,000 रूपये का चेक वितरण किया गया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गगराई, आईटीडीए निदेशक सन्दीप दोराईबुरु, जिला कल्याण पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी एव सांसद प्रतिनिधि सहित अन्य की उवस्थिति रही।