आवगमण में प्रखंड वासियों को हो रही परेशानी, सांसद विधायक मौन, सिमरिया विधायक ने एक पथ का रात में किसा था शिलान्यास पर महिनों बाद भी नही हुआ काम शुरु
निरेश कुमार सिंह
मयूरहंड(चतरा)। क्षेत्र के वकास का ढिंढोरा पीटने वाले जिम्मेदार प्रतिनिधियों व अधिकारियों को आईना दिखा रहा है, चतरा जिले के मयूरहंड प्रखंड की किचड़ युक्त व डोभा बनी सड़कें। प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के गैर जिम्मेदारी से क्षेत्र की लगभग जर्जर हो चुकी ग्रामीण सड़कें वर्षा के साथ किचड़ में तब्दील हो जातीं हैं, तो कालीकरन सड़क नाली के अभाव में डोभा बन जा रही हैं। ऐसे में प्रखंड वासियों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि क्षेत्र के लोग दस वर्ष पूर्व से सड़क बनाने की मांग सांसद, विधायक एवं स्थनिय पंचायत प्रतिनिधियों के अलावा संबंधित अधिकारियों से करते आ रहे हैं। यहां तक की सड़क बनाने को लेकर ग्रामीण सड़क जाम करने से लेकर अनशन तक कर चुके हैं। इसके बावजूद सड़कों की दुर्दशा में कोई सुधार नहीं हो पाया। जिप सदस्य के गांव बेलखोरी से चोरहा मोड़ एवं बेलखोरी से दिग्ही आरइओ रोड़ को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति इतनी बदतर है कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में ग्रामीणों को एक किलोमीटर के जगह पांच किलोमीटर घुमकर आवगमन करना पड़ता है। इसके अलावा बेलखोरी-चैरिया, पीपरा-मंधैनिया सड़क के साथ अन्य सड़कों की भी कमोवेश ऐसी हीं स्थिति बनी हुई है। पचमों मोड से एनएच रोड चैपारण को जोड़ने वाली मुख्य सड़क हुसिया से लेकर नरचाही नदी तक डोभा बना हुआ है। प्रखंड वासियों ने बताया कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं। परंतु निर्वाचित होते हीं वादों को ऐसो आराम के चैकाचैंध में भुल जाते हैं। कुछ माह पूर्व करमा से सदाफर नदी तक लगभग 15 किलोमीटर जर्जर सड़क मरम्मती कार्य का शिलान्यास विधायक किशुन कुमार दास ने अनान फानन रात में आकर किया। जैसे लगा कि दुसरे दिन से हीं सड़क का कायाकल्प हो जाएगी। परंतु महिनों बीत जाने के बाद भी कार्य प्रारंभ नही हुआ। जिससे प्रखंड वासियों में जिम्मेदार प्रतिनिधियों के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।