खूंटी : आजादी के 75 साल बाद भी खूंटी जिले के 52 गांव समेत सैकड़ों टोले बिजली के बगैर अंधेरे में अब भी गुजर बसर कर रहा है। यही नही पेयजलापूर्ति को लेकर भी कई विसंगतियां सामने आई। विधानसभा प्राक्कलन समिति की बैठक में कई अन्य मामलों पर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया कि समस्याओं का जल्द समाधान करें। शहरी जलापूर्ति योजना का पूर्ण नही होना भी जिले के लिए दुखद बताया गया। शहरी जलापूर्ति योजना के तहत कार्य कर रही कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
झारखण्ड विधानसभा प्राक्कलन समिति के 5 सदस्यीय टीम में से 3 सदस्यीय टीम शुक्रवार को खूंटी पहुंची और परिसदन में विभागवार विकास कार्यों की समीक्षा की। प्रत्येक विभाग द्वारा जिले में चलायी जा रही योजनाओं की गति प्राक्कलित राशि के अनुसार हो रही है या नहीं तथा उक्त योजना प्राक्कलन के अनुसार गुणवत्तापूर्ण सम्पन्न कराई जा रही है अथवा नहीं,इसको लेकर सभी विभागों की समीक्षा की गई। समीक्षा के बाद विभिन्न विभागों के कार्यपालक अभियंताओं की एक टीम उपविकास आयुक्त की अध्य्क्षता में बनायी गयी है जो संबंधित विभाग के चल रहे कार्यों का स्थल सर्वेक्षण करेगी और योजनाओं की अद्यतन जानकारी डीडीसी के माध्यम से विधानसभा समिति को देगी। साथ ही विधानसभा समिति भी कुछ चुनिंदा योजनाओं का भौतिक सत्यापन करेगी जिससे यह पता चल सकेगा कि विकास योजनाओं का कार्य प्राक्कलन की वित्तीय स्थिति के मुताबिक गुणवत्ता के साथ ससमय किया जा रहा है अथवा नहीं। प्राक्कलन में कहीं पुनरीक्षण या विचलन तो नहीं हो रहा है।
विधानसभा समिति की टीम ने समीक्षा के दौरान पाया कि विद्युतापूर्ति विभाग में कई विसंगतियां हैं। आजादी के 75 साल बाद भी खूंटी जिले के 52 गांव समेत सैकड़ों टोले बिजली के बगैर अंधेरे में अब भी गुजर बसर कर रहे हैं। आजाद भारत मे ऐसी तस्वीरें जिला और राज्य के लिए सुखद संदेश नहीं दे सकतीं हैं। इस मसले को ऊर्जा विभाग के विभागीय सचिव को ध्यानाकृष्ट कराएंगे। विधानसभा समिति के सदस्यों ने कहा कि हमारी प्राथमिकता रहेगी कि खूँटी जिले के 52 गांव समेत सैकड़ों टोलों में ऊर्जा विभाग और राज्य सरकार से समन्वय स्थापित कर वैसे छूटे हुए गांव टोलों में जल्द से जल्द बिजली आच्छादित कराया जाएगा।
सभापति दीपक बीरूआ ने कहा कि योजनाओ का जल्द ही लंबित योजनाएं पूर्ण होगी और जिन क्षेत्रों में बिजली नई पहुंची है वहां तक बिजली पहुंचाने के लिए अधकारी काम करें। जिले के पदाधिकारियों को योजनाओ पर कोताही नही बरतने का निर्देश दिया गया। बैठक में विधायक लंबोदर महतो और नारायण दास शामिल थे जबकि विधायक वैजनाथ राम और अम्बा प्रसाद बैठक में शामिल नही हो पाए।