खूंटी: आज खूंटी जिले के सभी चर्च में गुड फ्राइडे की विशेष प्रार्थनाएं अर्पित की गई। संत मिखाइल चर्च परिसर में युवा समूह ने येसु के कलवारी पहाड़ की शोकमयी यात्रा को एकांकी के माध्यम से प्रस्तुत किया।
2000 वर्ष पूर्व रोमन साम्राज्य ने किस तरह ईसा मसीह पर अत्याचार किया, जुल्म किया, कोड़े बरसाए उसको जीवंत तरीके से प्रस्तुत किया गया। बाइबल के अनुसार मसीह हमारे लिए मरण तक, हां क्रूस के मरण तक आज्ञाकारी बने। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। इसलिए ईश्वर ने उनको महान बन दिया और उन को वह नाम प्रदान किया, जो सब नामों में श्रेष्ठ है। ईसा मसीह मरणसंकट के असह्य कष्ट झेलने के बाद क्रूस पर सिर झुकाते और मर जाते हैं।
हालांकि शुक्रवार का दिन प्रभु के मृत्य का दिन था लेकिन उसे गुड फ्राइडे अर्थात पुण्य शुक्रवार कहा जाता है। क्रिस्चियन समुदाय का मानना है कि ईसा मसीह संसार को मुक्ति दिलाने के लिए क्रूस पर मरना स्वीकार किया ताकि संसार के सभी लोगों को जो उसपर विश्वास करते हैं उन्हें अनंत जीवन प्राप्त हो।
प्रत्येक वर्ष राख बुध के बाद 40 दिन तक उपवास और परहेज की विधि विधान सम्पन्न की जाती है और खजूर रविवार के बाद वृहस्पतिवार से पुण्य सप्ताह में प्रवेश किया जाता है। बाइबल के अनुसार ईसा मसीह शुक्रवार को कब्र में दफनाए गए और मरण के तीसरे दिन अर्थात रविवार को सशरीर जीवित हो उठे।
रोमन-काल मे मृत व्यक्ति के शव को छालटी और पट्टियों से लपेटा जाता था। लेकिन पुण्य शुक्रवार के तीसरे दिन शव में लपेटे गयी पट्टियां अच्छी तरह मोड़ कर रखी गयी थी। इसकी स्मृति में गुड फ्राइडे और ईस्टर या पास्का मनाया जाता है। प्रभु येसु के जन्म से लेकर मरण तक की पूरी घटना बाइबल में उद्धरित है।