लोगों को सुरक्षा देने वाले खुद असुरक्षित
सुभाष कुमार सिंह
मयूरहंड (चतरा) मयूरहंड प्रखंड का निर्माण हुए एक दशक से ज्यादा समय बीत चुका है। प्रखंड निर्माण के साथ प्रखंडवासियों ने कई सपने संजोए थे,जिसमें आधारभूत संरचनाओं का निर्माण, अच्छी सड़कें, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, बेहतर शिक्षा, और क्षेत्र में अमन और शांति के लिए पुलिस प्रशासन की व्यवस्था प्रमुख थी। इसे ध्यान में रखते हुए प्रखंड निर्माण के साथ ही प्रखंड क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए थाना का भी निर्माण किया गया था। थाना स्थापना तो कर दिया गया, लेकिन थाने के आधारभूत संरचनाओं और सुविधाओं को बहाल नहीं किया गया। अभी भी इसका घोर अभाव है। चतरा जिला उग्रवाद-प्रभावित-क्षेत्र है, और मयूरहंड थाना भी इसी जिले में है। हालांकि निर्माण काल से लेकर अब तक सौभाग्यवश थाने पर कोई उग्रवादी हमला नहीं हुआ है। लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि मयूरहंड थाने पर कभी उग्रवादी हमले नहीं हो सकते,क्योंकि मयूरहंड थाने के एक किलोमीटर दक्षिणी छोर से जंगल का इलाका शुरू हो जाता है।इसके बावजूद थाने की सुरक्षा की दृष्टि से आज तक थाने के चहारदीवारी का निर्माण तक नहीं किया जा सका। इसके कारण रात्रि में थाने की सुरक्षा के लिए अधिक पुलिस बल तैनात करना पड़ता है।पुलिस पदाधिकारियों और आरक्षियों के लिए आवासीय परिसर तक नहीं है। थाने में निर्मित कमरों में दो-दो,तीन-तीन पुलिस पदाधिकारीयों को विवशता में एक साथ रहना पड़ता है। इसका दुष्प्रभाव इन पदाधिकारियों की एकाग्रता और अनुसंधान पर पड़ता है।आरक्षी अपनी ड्यूटी के बाद सुकून भरी नींद नहीं ले सकते, जिससे ये थकान महसूस करते हैं। मयूरहंड थाने के पदाधिकारी और आरक्षी, मयूरहंड प्रखंड कार्यालय परिसर में,प्रखंड और अंचल कर्मियों के लिए बने आवास में रहते हैं, क्योंकि प्रखंड और अंचल कर्मी प्रखंड/अंचल मुख्यालय में नहीं रहते हैं। इसके एवज में पुलिस विभाग द्वारा प्रखंड प्रशासन को भाड़े के रुप में कितनी राशि भुगतान की जाती है,इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी मयूरहंड द्वारा जानकारी दी गई कि मेरे कार्यकाल में कोई राशि भाड़े के रुप में प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हमने प्रखंड आवासीय परिसर में रह रहे पुलिस पदाधिकारियों और आरक्षियों के कुछ आवासों को खाली करने के लिए पत्राचार किया है। तिथि याद नहीं है। जैसा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी मयूरहंड द्वारा बताया गया कि प्रखंड आवासीय परिसर में रह रहे पुलिस पदाधिकारियों और आरक्षियों के आवासों को खाली करने संबंधी पत्राचार किया गया है, यदि आवास खाली करवा लिया गया क्योंकि इसके लिए पुलिस विभाग द्वारा प्रखंड प्रशासन को भाड़े के रुप में कोई राशि देय नहीं है,तो इससे पुलिस बल की परेशानी और बढ़ जायेगी। पुलिस बल के आधुनिकीकरण और संसाधनयुक्त करने के लिए सरकार द्वारा विशेष बजटीय प्रावधान किया गया है। मयूरहंड थाना-पुलिस को इस सुविधा से वंचित क्यों रखा गया है,ये गंभीर विचारणीय प्रश्न है,जिसे पुलिस के आधुनिकीकरण विभाग से पूछा जाना चाहिए।