बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: भाव के भुखे हैं भगवान , भाव नहीं तो कुछ भी नहीं है – लाख करो गुण गान जैसे राम भजनों से बहादुरपुर स्थित कल्याणेश्वरी उच्च विद्यालय का प्रांगण राममय बन गया । श्रोता झूमने को विवश हो गए । आरती के पश्चात कथा वाचक श्री हंसानंद गिरी जी महाराज ने पंचम रात्रि को भगवन श्री राम जी का वन गमन कथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि सारे सुख वैभव त्याग कर धर्म की रक्षा हेतु भगवन वन को गए . जहाँ ऋषि मुनियों की रक्षा के लिए कदाचारी व दुष्ट रावण का वध कर पृथ्वी को पाप मुक्त करने के साथ-साथ सनातन धर्म कि रक्षा की । श्री हंसानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि परोपकार सबसे पुण्य काम होता है ।जीवों पर सदा दया की भावना रखनी चाहिए तथा माता पिता व गुरुजनों का आदर और सेवा करनी चाहिए ।यही सारे गुण हमारे मार्यदा पुरोषोत्तम भगवान् श्री राम पर विराजमान हैं । इसलिए जनक राजा के दामाद, अयोध्या पति राजा दशरथ के पुत्र अपनी धर्मपत्नी जगत जननी माता सीता और अनुज लक्ष्मण संग वन चले गए ।
झांकी बना आकर्षण का केन्द्र
आयोजित इस राम कथा में भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता का प्रस्तुत झांकी भक्तों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना रहा। श्रोता इतने भाव विभोर हुए कि मानों सामने राम सीता व लक्ष्मण के रूप सज्जा में ही भगवान हैं । इस दौरान भक्तो में अगरबत्ती और दक्षिणा देने वास्ते उत्साह देखा गया।