- यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है
- इस परियोजना का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम पिछले साल 21 नवंबर को भारतीय नौसेना में कमीशन किया जा चुका है
नई दिल्ली : भारतीय नौसेना के तरकस में आज एक और तीर जुट गई है, जिसका नाम है Mormugao। इसके भारतीय नौसेना में शामिल होते ही जहां देश के नौसेनिकों को हौसला बढ़ा है।
वहीं हमारे पड़ोसी चीन और पाकिस्तान के पसीने छूटने लाजमी है। भारतीय नौसेना को आज प्रोजेक्ट 15बी के तहत बनाये गए स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का दूसरा जहाज मोरमुगाओ वाई 12705 ( Ship Mormugao Y 12705) मिल गया।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने गुरुवार को यह जहाज नौसेना को सौंप दिया। यह जहाज (Mormugao Ship) परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इसी प्रोजेक्ट का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम (INS Visakhapatnam) पिछले साल भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
दूसरा स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक है Mormugao
प्रोजेक्ट 15बी के चार जहाजों के लिए 28 जनवरी, 2011 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। यह परियोजना कोलकाता वर्ग (परियोजना 15ए) के विध्वंसक का अनुवर्ती है जिसे पिछले दशक में कमीशन किया गया था।
- चार जहाजों के लिए 28 जनवरी, 2011 को अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे
- 163 मीटर लंबे और 730 टन वजनी इस युद्धपोत में मिसाइलों को चकमा देने की क्षमता है
इसी परियोजना का पहला जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम पिछले साल 21 नवंबर को भारतीय नौसेना में कमीशन किया जा चुका है। आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) प्रोजेक्ट-15बी श्रेणी का दूसरा स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक है।
स्वदेशी तकनीक से बने युद्धपोत को पिछले साल 19 दिसंबर को परीक्षण के लिए समुद्र में उतारा गया था। इस जहाज का नाम गोवा के समुद्री क्षेत्र मोरमुगाओ ( Mormugao) को समर्पित करने से न केवल भारतीय नौसेना और गोवा के लोगों के बीच संबंध में वृद्धि होगी, बल्कि जहाज की पहचान को स्थायी रूप से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका से भी जोड़ा जाएगा।
भारतीय नौसेना की कई गुना ताकत बढ़ जाएगी Mormugao से
इसके (Mormugao) मिलने से भारतीय नौसेना की कई गुना ताकत बढ़ जाएगी। 163 मीटर लंबे और 730 टन वजनी इस युद्धपोत में मिसाइलों को चकमा देने की क्षमता है। 65 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस युद्धपोत को स्टील्थ तकनीक से बनाया गया है।
मोरमुगाओ की खासियत Mormugao ki benefit
मोरमुगाओ की खासियत (Mormugao benefit) यह है कि यह जहाज (Mormugao Ship) परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के समय भी बचाव करने में सक्षम है। इस युद्धपोत पर 50 अधिकारियों समेत 250 नौसैनिक तैनात रहेंगे।
- 65 फीसदी स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस युद्धपोत को स्टील्थ तकनीक से बनाया गया है
- इस (Mormugao) पर ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगाई जाएंगी
इस (Mormugao Ship) युद्धपोत में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। समुद्र में 56 किलोमीटर प्रति घंटा (30 नॉटिकल मील) की रफ्तार से चलने वाला यह युद्धपोत 75 हजार वर्ग किमी. समुद्री क्षेत्र की निगरानी कर सकता है।
इन मिशाइलों से लैस होगा Mormugao
इस (Mormugao) पर ब्रह्मोस, बराक-8 जैसी 8 मिसाइलें लगाई जाएंगी। देश के सबसे आधुनिक एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर में इजराइल का मल्टी फंक्शन सर्विलांस थ्रेट अलर्ट रडार ‘एमएफ-स्टार’ लगा है।
यह कई किलोमीटर दूर से हवा में मौजूद लक्ष्य को पहचान लेगा जिससे सटीक निशाना लगाया जा सकेगा। यह उड़ते विमान पर 70 किलोमीटर और जमीन या समुद्र पर मौजूद लक्ष्य पर 300 किलोमीटर दूर से निशाना लगाने में सक्षम है।
आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) 127 मिलीमीटर गन से लैस है, इसमें एके-630 एंटी मिसाइल गन सिस्टम भी है। मोरमुगाओ (Mormugao) पर दो आरबीईयू-6000 एंटी सबमरीन रॉकेट लांचर भी लगे हैं। इस पर बेहद खराब मौसम के दौरान भी नौसेना के हेलीकॉप्टर लैंड कर सकेंगे।